Haa.. napunsak hu me book and story is written by राजीव तनेजा in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Haa.. napunsak hu me is also popular in Human Science in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. हाँ... नपुंसक हूँ मैं राजीव तनेजा द्वारा हिंदी मानवीय विज्ञान 4 1.7k Downloads 11.9k Views Writen by राजीव तनेजा Category मानवीय विज्ञान पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण “हाँ...नपुंसक हूँ मैं”बचाओ...बचाओ...की आवाज़ सुन अचानक मैं नींद से हड़बड़ा कर उठ बैठा। देखा तो आस-पास कहीं कोई नहीं था। माथे पर उभर आई पसीने की बूँदें चुहचुहा कर टपकने के मूड में थी। घड़ी की तरफ नज़र दौड़ाई तो रात के लगभग सवा दो बज रहे थे। पास पड़े जग से पानी का गिलास भर मैं पीने को ही था कि फिर वही रुदन...वही क्रंदन मेरे अंतर्मन में पुन: गूंज उठा। कई दिनों से बीच रात इस तरह की आवाजें मुझे सोने नहीं दे रही थी। अन्दर ही अन्दर मुझे अपराध भाव खाए जा रहा था कि उस दिन..हाँ..उस More Likes This जाको राखे साइया द्वारा S Sinha जब मुर्दे जी उठे द्वारा S Sinha लोग मर के भी कैसे जिंदा हो जाते हैं द्वारा S Sinha विवाह और उसके प्रकार... द्वारा Abhishek Chaturvedi समता मूलक समाज की शिक्षा प्रणाली - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) हिंदी सतसई परंपरा - 1 द्वारा शैलेंद्र् बुधौलिया प्राचीन भारतीय इतिहास - 1 द्वारा Rajveer Kotadiya । रावण । अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी