Pachhtawa book and story is written by Manoj Kumar Shukl in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Pachhtawa is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. पछतावा - (लघु कहानी) Manoj kumar shukla द्वारा हिंदी लघुकथा 4 1.6k Downloads 10.7k Views Writen by Manoj kumar shukla Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण पछतावा (लघु कथा) मनोज कुमार शुक्ल " मनोज " किचन के हर बर्तनों की अपनी एक प्रकृति होती है और उनका कठोर व नाजुक स्वभाव होता है। जैसे लोहे की कड़ाहीे, तवा, स्टील की गंजियाँ, थाली, चम्मचें, कटोरियाँ आदि का स्वभाव सदा कठोर होता है। पर इसके विपरीत क्राकरी और काँच का अपना नाजुक स्वभाव एवं प्रकृति होती है। इसीलिए तो किचिन में इनको अलग से शो केश में रखा जाता है, बड़े प्यार और सम्हाल कर। काँच के शो रूम में बैठी क्राकरी, रोज स्टील के बर्तनों की धुलाई के समय मन ही More Likes This True Love द्वारा Misha Nayra मज़बूत बनकर लौटा समन्दर द्वारा LOTUS पाठशाला द्वारा Kishore Sharma Saraswat डिप्रेशन - भाग 1 द्वारा Neeta Batham मोहब्बत - पार्ट 1 द्वारा mohammad sadique सनातन - 2 द्वारा अशोक असफल वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी