Mrityu Ka Varan book and story is written by Chandresh Kumar Chhatlani in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mrityu Ka Varan is also popular in Classic Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मृत्यु का वरण Chandresh Kumar Chhatlani द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां 1 2.4k Downloads 9.6k Views Writen by Chandresh Kumar Chhatlani Category क्लासिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण वो मृत्यु से डरते थे, वैसे तो यह डर सभी के मन में होता है, लेकिन एक वैरागी के मुख से यह बात सुन कर शायद कुछ अजीब लगे। अमृत्यानंद जी ने 10 वर्ष की आयु में ही वैराग्य ले लिया था। और पिछले 40 वर्षों से ज्ञान-ध्यान में लिप्त थे। आज 50 वर्ष की आयु होने के पश्चात् और इतने वर्षों की ज्ञान चर्चा के पश्चात भी उन्हें मृत्यु से डर! अति आश्चर्य है। आज आश्रम में यही चर्चा हो रही है। अमृत्यानंद जी के वचन ऐसे होते कि हर कोई मन्त्र-मुग्ध हो जाता, उनकी वाणी में जैसे सरस्वती More Likes This रुह... - भाग 7 द्वारा Komal Talati कश्मीर भारत का एक अटूट हिस्सा - भाग 1 द्वारा Chanchal Tapsyam बीते समय की रेखा - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil टीस - पहली बार देखा था उसे - 1 द्वारा Shayar KK Shrivastava एहसास - भाग 1 द्वारा Vartikareena क्या यही है पहला प्यार? भाग -1 द्वारा anmol sushil त्रास खनन - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी