Ek thi ratna book and story is written by Nisha Nandini Gupta in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Ek thi ratna is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. एक थी रतना Nisha Nandini Gupta द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 10 1k Downloads 3.4k Views Writen by Nisha Nandini Gupta Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण एक थी रतना आज भी मुझे अच्छी तरह याद है वो समय था दुर्गापूजा की अष्टमी का । जब रतना मेरी जिंदगी में आई थी । यही कोई शाम के छह- सात बजे का समय था, अंधेरा हो गया था । यूँ भी असम में जाड़े के दिनों में अंधेरा शाम के पांच बजे ही हो जाता है । उसी समय लगभग चार फुट की, रंग काफी दबा हुआ, पैरों तक लम्बा कुर्ता पहने, करीब 35-40 किलो वजन की एक स्त्री सीढ़ियां चढ़कर मेरे दरवाजे तक आई और मुझे देखकर हाथ जोड़कर बोली " दीदी अमा के काम लागे, आमर More Likes This जिंदगी के रंग - 1 द्वारा Raman रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी