Muk Prem book and story is written by Nisha Nandini Gupta in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Muk Prem is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मूक प्रेम Nisha Nandini Gupta द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 7 933 Downloads 7.2k Views Writen by Nisha Nandini Gupta Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मूक प्रेम (कहानी) आज लगभग एक साल हो गया उसको देखते हुए वह प्रति दिन प्रातः काल ठीक आठ चालीस पर उसके घर के सामने से गुजरता था कुछ देर रूकता उसे देखता फिर लाठी ठक ठकाता हुआ चल देता । कौन कहता है बुढापे में भावनाएं मर जाती है । मेरे साथ वाले घर में एक यही कोई सत्तर पिच्चहत्तर साल की एक बूढ़ी माँ अकेली रहती थी। पति की मृत्यु हो चुकी थी । बेटा विदेश में अपने परिवार के साथ रहता था। एक बेटी है जो अपने परिवार के साथ मैसूर में रहती है उसका पति किसी More Likes This चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari BTS ??? - 4 द्वारा Black डॉ. बी.आर. अंबेडकर जीवन परिचय - 1 द्वारा Miss Chhoti चाय के किस्से - 1 द्वारा Rohan Beniwal एक रात - एक पहेली - पार्ट 1 द्वारा Kaushik Dave कल्पतरु - ज्ञान की छाया - 3 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी