Suhagraat book and story is written by Dilbag Singh Virk in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Suhagraat is also popular in Women Focused in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. सुहागरात Dr. Dilbag Singh Virk द्वारा हिंदी महिला विशेष 14 14.3k Downloads 60.1k Views Writen by Dr. Dilbag Singh Virk Category महिला विशेष पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण सुहागरात मीनू का पारा चढ़ा हुआ था| शायद वह कहीं से लड़ कर आई थी| आते ही अंटी ने उसे मुकेश को साथ ले जाने को कहा| दांत पीसते हुए वह मुकेश को पीछे आने का इशारा करके आगे चल पड़ी| वह मुकेश को कमरे में ले जाती है| मुकेश कमरे में आकर बैड पर बैठ जाता है| मीनू कमरे का दरवाजा बंद करते हुए बुडबुडा रही है, “क्या हमारे पास दिल नहीं होता? क्या हम सिर्फ जिस्म हैं? क्यों दुनिया हमें बस हवस मिटाने का साधन समझती है?” “तूने खुद चुना है ये धंधा, फिर शिकवा क्यों?” – रमेश More Likes This जरूरी था - 1 द्वारा Komal Mehta दरिंदा - भाग - 1 द्वारा Ratna Pandey बच्चों में डाले गर्भ से संस्कार - 6 द्वारा नीतू रिछारिया स्वस्थ, सुंदर, गुणवान, दीर्घायु-दिव्य संतान कैसे प्राप्त करे? - भाग 1 द्वारा Praveen kumrawat इतना तो चलता है - 1 द्वारा Komal Mehta सदाबहार के फूल द्वारा Sharovan जिद्दी मोहब्बत - 1 द्वारा Gumnaam shayar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी