Vah ladka book and story is written by Dr pradeep Upadhyay in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Vah ladka is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. वह लड़का Dr pradeep Upadhyay द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 5 1.6k Downloads 6.2k Views Writen by Dr pradeep Upadhyay Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण आज वह पन्द्रह वर्ष के बाद मुझसे मिलने आया था---हाथों में मिठाई का डिब्बा था।जैसे ही मैंने ड्राईंग रूम में प्रवेश किया, वह उठकर खड़ा हो गया, मेरे चरण स्पर्श करने लगा---मैंने रोकना चाहा, लेकिन वह नहीं रूका,पूछा-" मैडम जी कहाँ हैं!" इतने में श्रीमतीजी भी आ गई, उसने उनके भी चरण स्पर्श किए और मिठाई का डिब्बा उन्हें थमा दिया। पन्द्रह बरस में वह कितना बदल सा गया था।सिर के बाल ऊपर से गायब हो चले थे,छितरा से गए थे---चेहरे पर झुर्रियों के निशान उभर आए थे,माथे पर सलवटें दिखाई देने लगी थी, आँखों के नीचे गहरा कालापन भी More Likes This अहम की कैद - भाग 1 द्वारा simran bhargav भूलभुलैया का सच द्वारा Lokesh Dangi बदलाव ज़रूरी है भाग -1 द्वारा Pallavi Saxena आशा की किरण - भाग 1 द्वारा Lokesh Dangi मंजिले - भाग 12 द्वारा Neeraj Sharma रिश्तों की कहानी ( पार्ट -१) द्वारा Kaushik Dave बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी