Bhraman ki Beti - 5 book and story is written by Sarat Chandra Chattopadhyay in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Bhraman ki Beti - 5 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
ब्राह्मण की बेटी - 5
Sarat Chandra Chattopadhyay
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
Four Stars
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विवरण
ब्राह्मण की बेटी शरतचंद्र चट्टोपाध्याय प्रकरण - 5 लोगों के मुक्त इलाज के प्रति समर्पित प्रयिनाथ प्रभात होते ही एक हाथ में डॉक्टरी की किताबें और दूसरे हाथ में दवाइयों का बक्सा थामे निकल पड़ते थे। आज उनके पीछे चलती हुई दूले की विधवा स्त्री खुशामद करती हुई चल रही थी। वह बोली, “महाराज! आपर ठुकरा दोगे, तो हम बेंसहारा और असहाय लोग किधर जायेंगे? आपके सिवाय हमारा और कौन है?” बात करने के लिए फुरसत न होने से प्रियनाथ चलते-चलते बोल, “नहीं, अब तुम लोग यहाँ नहीं रह सकते। मैं जाने गया हूँ कि तुम लोग अपनी सीमा में
मुहल्ले में घूमने-फिरने के बाद रासमणि अपनी नातिन के साथ घर लौट रही थी। गाँव की सड़क कम चौड़ी थी, उस सड़क के एक ओर बंधा पड़ा मेमना (बकरी का बच्चा) सो र...
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