कहानी "ब्राह्मण की बेटी" के इस प्रकरण में गोलोक चटर्जी, जो कि एक धार्मिक और गंभीर व्यक्ति हैं, अपने जीवन की कठिनाइयों और भावनाओं को व्यक्त कर रहे हैं। वह अपनी बहन के निधन के बाद से अपने जीवन में आई उदासी और अकेलेपन का सामना कर रहे हैं। एक विधवा महिला, ज्ञानदा, जो गोलोक की बहन की सेवा के लिए आई थी, अपने सास-ससुर की देखभाल के लिए गाँव लौटने की इच्छा व्यक्त करती है। गोलोक उसे जाने के लिए प्रेरित करते हैं, यह कहते हुए कि रिश्तों को बलपूर्वक नहीं रोका जा सकता। वह अपनी बहन के जाने के बाद घर की स्थिति और एक छोटे बच्चे की देखभाल की चिंता करते हैं, जो बिना माँ के है। ज्ञानदा उन्हें आश्वस्त करती है कि चिंता की कोई बात नहीं है, लेकिन गोलोक की चिंता गहरी है। वह केवल व्रत और पूजा में अपने दिन बिताने की इच्छा व्यक्त करते हैं और इस छोटे बच्चे की देखभाल के लिए ज्ञानदा पर निर्भरता जताते हैं। कहानी में गोलोक की आस्था, उनके परिवार की स्थिति और उनकी भावनात्मक कमजोरियों को दर्शाया गया है, जो एक गहन और संवेदनशील मनोदशा को प्रकट करता है। ब्राह्मण की बेटी - 3 Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 38 15.2k Downloads 27.1k Views Writen by Sarat Chandra Chattopadhyay Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ब्राह्मण की बेटी शरतचंद्र चट्टोपाध्याय प्रकरण - 3 जगदधात्री और संध्या के सामने रासमणि जिस गोलोक चटर्जी की प्रशंसा के गीत गाते थकती न थी और जिसे साक्षात धर्मावतार और न्यायमूर्ति बताने में गौरव का अनुभव कर रही थी, वह प्रातःकालीन पूजा-पाठ से निबटकर बैठक में आ गये हैं और नौकर द्वारा रखे हुक्के को गु़ड़गु़ड़ा रहे हैं। आँख मीचकर तमाखू पीते तोंदिल बाबू ने भीतर द्वारा के खुलने की आवाज सुनी, तो बोले, “कौन?” ओट मे खड़ी महिला बोली, “बिना खाये-पिये क्यो चले आये हो? क्या मेरी किसी गलती पर रुष्ट हो?” गोलोक बोले, “क्रोध और अभिमान के दिन Novels ब्राह्मण की बेटी मुहल्ले में घूमने-फिरने के बाद रासमणि अपनी नातिन के साथ घर लौट रही थी। गाँव की सड़क कम चौड़ी थी, उस सड़क के एक ओर बंधा पड़ा मेमना (बकरी का बच्चा) सो र... More Likes This एक समय ऐसा भी आएगा - 1 द्वारा Wow Mission successful रौशन राहें - भाग 1 द्वारा Lokesh Dangi अहम की कैद - भाग 1 द्वारा simran bhargav भूलभुलैया का सच द्वारा Lokesh Dangi बदलाव ज़रूरी है भाग -1 द्वारा Pallavi Saxena आशा की किरण - भाग 1 द्वारा Lokesh Dangi मंजिले - भाग 12 द्वारा Neeraj Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी