कहानी "लम्हों की गाथा" में तीन पीढ़ियों के परिवार की कहानी है, जिसमें बहुओं के बीच भेदभाव और उनके माता-पिता के प्रति व्यवहार का उल्लेख किया गया है। पहली पीढ़ी की बहू के माता-पिता को घर में खाना खाने की अनुमति नहीं मिली, जबकि दूसरी पीढ़ी में भी स्थिति कुछ बेहतर नहीं थी। तीसरी पीढ़ी की बहू रोली ने एक नया बदलाव लाया, जब उसने अपने ससुर के लिए खाना बनाने और मिठाई लाने का सुझाव दिया। इससे परिवार में एक सकारात्मक बदलाव आया, और लेखक ने इस बदलाव की सराहना की। कहानी का अगला भाग "बचपन" एक बच्चे की दृष्टि से है, जो स्कूल, होमवर्क और ट्यूशन के बीच फंसा हुआ है। उसकी मां उसे पढ़ाने के लिए समय नहीं देती, जबकि पिता देर से घर आते हैं। बच्चे की इच्छाएं और उसकी मां के साथ बातचीत में कमी उसे उदास करती है। मेले में जाकर झूले झूलने की उसकी इच्छा पूरी नहीं हो पाती, जिससे वह रोने लगता है। अंत में, वह सोचता है कि खेलने की उम्र किसकी है, उसकी या मां की। कहानी में परिवार के संबंध, पीढ़ियों के बीच का अंतर और एक बच्चे की मासूमियत को दर्शाया गया है। लम्हों की गाथा - 3 सीमा जैन 'भारत' द्वारा हिंदी लघुकथा 1 2.3k Downloads 8.6k Views Writen by सीमा जैन 'भारत' Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 7 - फाँस 8 - बचपन 9 - गाइड Novels लम्हों की गाथा 1 - पानी 2 - भविष्य 3 - रोशनी More Likes This शादी एक समझौता - 1 द्वारा SUMIT PRAJAPATI रंगीन कहानी - भाग 1 द्वारा Gadriya Boy तीन लघुकथाएं द्वारा Sandeep Tomar जब अस्पताल में बच्चा बदल गया द्वारा S Sinha आशरा की जादुई दुनिया - 1 द्वारा IMoni True Love द्वारा Misha Nayra मज़बूत बनकर लौटा समन्दर द्वारा LOTUS अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी