कहानी "बड़ी दीदी" में, शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने सुरेन्द्रनाथ की जिंदगी के हालात को चित्रित किया है। लगभग पांच साल बाद, जब राय महाशय और ब्रजराज लाहिडी का निधन हो चुका है, सुरेन्द्रनाथ की विमाता अपने पिता के घर में रहने लगी है। सुरेन्द्रनाथ की स्त्री और लोग उसकी प्रशंसा और बदनामी दोनों करते हैं। वह एक उदार और दयालु जमींदार माने जाते हैं, जबकि उनका मैनेजर मथुरानाथ अत्याचारी और उत्पीड़क है। सुरेन्द्रनाथ की बैठक में दोस्तों की भीड़ रहती है, जहाँ वे आराम से जीवन का आनंद लेते हैं। मथुरानाथ प्रजा के दुखों की परवाह नहीं करता और सुरेन्द्रनाथ को उनकी समस्याओं के बारे में जानने का अवसर नहीं मिलता। उनकी पत्नी शान्ति देवी पति को चेतावनी देती हैं कि यदि वह अपनी जमींदारी का ध्यान नहीं देंगे, तो सबकुछ नष्ट हो जाएगा। सुरेन्द्रनाथ कुछ दिनों तक जमींदारी देखने का निर्णय लेते हैं, लेकिन जल्द ही अपनी पुरानी आदतों में लौट आते हैं। हाल ही में एक बाग में एक वेश्या एलोकेशी आ जाती है, जिसके कारण सुरेन्द्रनाथ अपने दोस्तों के साथ वहाँ व्यस्त हो जाते हैं। शान्ति देवी अपनी पति की अनदेखी से दुखी होकर रोती हैं और उनसे अपने व्यवहार के लिए सवाल करती हैं, जिससे कहानी का अंत एक तनावपूर्ण स्थिति में होता है। बड़ी दीदी - 6 Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 22 6.2k Downloads 12.4k Views Writen by Sarat Chandra Chattopadhyay Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण लगभग पांच वर्ष बीत चुके हैं। राय महाशय अब इस संसार में नहीं हैं और ब्रजराज लाहिडी भी स्वर्ग सिधार चुके हैं। सुरेन्द्र की विमाता अपने पति की जी हुई सारी धन सम्पति लेकर अपने पिता के घर रहने लगी है। आजकाल सुरेन्द्रनाथ की लोग जितनी प्रशंसा करते है, उतनी ही बदनामी भी करते है। कुछ लोगों का कहना ही कि ऐसा उदार, सह्दय, दयालु और कोमल स्वभाव का जमींदार और कोई नहीं है, और कुछ लोगों का कहना है कि ऐसा अत्याचारी, अन्यायी और उत्पीड़क जमींदार आज तक इस इलाके में कोई पैदा ही नहीं हुआ। Novels बड़ी दीदी इस धरती पर एक विशिष्ट प्रकार के लोग भी वसते है। यह फूस की आग की तरह होते हैं। वह झट से जल उठते हैं और फिर चटपट बुझ जाते हैं। व्यक्तियों के पीठे हर समय... More Likes This घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari BTS ??? - 4 द्वारा Black डॉ. बी.आर. अंबेडकर जीवन परिचय - 1 द्वारा Miss Chhoti चाय के किस्से - 1 द्वारा Rohan Beniwal अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी