कहानी "पिछवाड़े का कब्रिस्तान" एक ऐसी महिला की है जो जीवन को पूरी तरह जीने की चाह रखती है। उसका जीवन सामान्य नहीं है; वह अपने घर को व्यवस्थित और स्वच्छ रखती है, उसके बच्चे साफ-सुथरे होते हैं, और उसका खाना बेहतरीन होता है। लेकिन उसके जीवन के पीछे एक रहस्य है जो पर्दों के पीछे छिपा हुआ है। एक दिन, लोग देखते हैं कि उसके घर के दरवाजे पर एक छोटी बिल्ली रो रही है। जब लोग उसके बारे में पूछते हैं, तो महिला उसे प्यार से अंदर ले जाती है, और उसके बाद दरवाजा बंद कर देती है। धीरे-धीरे लोग निराश होकर वहाँ से चले जाते हैं। महिला अपने बच्चों के साथ सुबह घर से बाहर निकलती है, और उसका पति रोज सजधजकर घर से बाहर निकलता है। वह हमेशा लोगों की नजरों में रहता है, लेकिन उनके भीतर के रहस्यों का कोई पता नहीं चला सकता। महिला के पर्स में केवल कुछ सामान्य चीजें होती हैं, जो उसके जीवन के वास्तविकता को छिपाती हैं। कहानी इस बात की ओर इशारा करती है कि बाहरी दिखावट के पीछे अक्सर एक अलग वास्तविकता होती है, और लोग उस वास्तविकता से अनजान रहते हैं। पिछवाड़े का कब्रिस्तान Pritpal Kaur द्वारा हिंदी डरावनी कहानी 15k 4.1k Downloads 14.1k Views Writen by Pritpal Kaur Category डरावनी कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण पूर्व प्रकाशित 'दैनिंक जागरण ' ७ मार्च २०१६ लोग कहते हैं कि कहानी लिखो तो वो अक्सर हकीकत में बदल जाती है. लेकिन इतना कह देने भर से कहानी लिखना बंद नहीं हो जाता. लोग कहानियां लिखते हैं, जी भर के लिखते हैं. कुछ लोग इन्हें छापते भी हैं. और फिर बहुत से लोग इन्हें पढ़ते हैं. इसके बावजूद कुछ लोग आपको धमका भी सकते हैं जो शायद आप को कहानी लिखने में रूकावट का एहसास करवाए. लेकिन फिर भी आप कहानी लिखने से बाज़ नहीं आते. ऐसी ही एक कहानी काव्या ने कभी लिखी थी. आज पढ़ने में आयी तो आप सब के साथ सांझा कर रही हूँ. एक औरत थी जिसे ज़िंदगी जीने का बेहद शौक था. और वो ज़िंदगी कोई ऐसी वैसी ज़िंदगी नहीं थी जैसी हम और आप जिया करते हैं. कि सुबह उठे, तैयार हुए, खाया-पिया, काम पर गए, कुछ काम किया कुछ हरामखोरी, फिर घर लौटे, खाया-पिया, सो गए और अगले दिन फिर वही. More Likes This Salmon Demon - 1 द्वारा Vedant Kana उस बाथरूम में कोई था - अध्याय 1 द्वारा Varun छाया का प्यार - 1 द्वारा kajal jha भूत सम्राट - 1 द्वारा OLD KING कृष्णा कैफ़े - भाग 2 द्वारा Raj Phulware दर्पण - भाग 1 द्वारा Raj Phulware अंजान - 1 द्वारा Raj Phulware अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी