(1) मन की चंचलता: एक बार गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ यात्रा कर रहे थे, जब उन्हें प्यास लगी। उन्होंने एक शिष्य से पानी लाने को कहा। शिष्य एक पोखर की तरफ गया, जहाँ बच्चे खेल रहे थे। बच्चों के जाने पर शिष्य ने पोखर से पानी लाने की कोशिश की, लेकिन गौतम बुद्ध ने उसे रोक दिया क्योंकि पानी गंदा था। समय बीतने के बाद, जब पानी साफ हो गया, तब बुद्ध ने शिष्य को पानी लाने को कहा और समझाया कि मन भी उस पोखर की तरह है। छोटी-छोटी बातों से मन में हलचल मच जाती है, और स्थिरता लाने का एकमात्र उपाय धैर्यपूर्वक इंतजार करना है। (2) काटो नहीं फुफकारो: गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ एक गांव के पास से गुजरे और देखा कि बच्चे डर के मारे खड़े हैं। बच्चों ने बताया कि उनकी गेंद एक बरगद के पेड़ के नीचे चली गई है, जहाँ एक विषैला नाग रहता है। बुद्ध नाग के पास गए और नाग ने उन्हें डराने की कोशिश की, लेकिन बुद्ध शांत रहे। उन्होंने नाग से पूछा कि क्या काटने से उसे शांति मिलेगी। बुद्ध ने नाग को बताया कि डर के मन में बैठने से वह दूसरों को डराने की कोशिश करता है। उन्होंने नाग को प्रेम करना सिखाया। बुद्ध ने गेंद लेकर बच्चों को दे दी। बाद में नाग ने बुद्ध की शिक्षा का पालन किया और अब किसी को नहीं काटता था, जिससे गांव में यह बात फैल गई कि नाग अब उतना विषैला नहीं रहा। मन की चंचलता Ajay Amitabh Suman द्वारा हिंदी आध्यात्मिक कथा 46 5.5k Downloads 24.2k Views Writen by Ajay Amitabh Suman Category आध्यात्मिक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण (1) मन की चंचलता एक बार की बात है , गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ कहीं जा रहे थे.रास्ते में उन्हें प्यास लगी . उन्होंने अपने एक शिष्य से पानी लाने को कहा. शिष्य जलाशय की तलाश में आगे बढ़ चला. सुरज की दग्ध किरणों से परेशान होते हुए भी अपने गुरु की आज्ञा का पालन करते हुए आगे बढ़ता चला गया. रास्ते में एक पोखर मिला जिसमे कुछ बच्चे खेल रहे थे . शिष्य के जाने पर बच्चे भाग गए . शिष्य गौतम बुद्ध को पोखर के पास ले गया . गौतम बुद्ध की आज्ञानुसार शिष्य पानी लाने को तत्पर हुआ . पर गौतम बुद्ध ने उसे रोक More Likes This शब्दों का बोझ - 2 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR स्वामी प्रभुपाद द्वारा Ankit अलौकिक दीपक - 1-2 द्वारा kajal Thakur भगवद गीता क्या है और इसे क्यों पढ़ना चाहिए - अध्याय 1 द्वारा parth Shukla एक औरत की ख़ामोश उड़ान - 1 द्वारा Mohini समरादित्य महाकथा - 1 द्वारा Kapil Jain श्री दुर्गा सप्तशती- आचार्य सदानंद – समीक्षा छन्द 1 द्वारा Ram Bharose Mishra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी