रामसिंह एक प्रसिद्ध उद्योगपति हैं, जिनकी दो बेटियाँ, हेमा और प्रभा, हाल ही में विवाह के बंधन में बंधी हैं। विदाई के समय माहौल गंभीर है, और रामसिंह अपनी पत्नी को समझाते हैं कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। हालांकि, रामसिंह को बीस साल पहले की एक घटना याद आती है जब उनके ईमानदार मुनीम, हरिराम, को चोरी के झूठे आरोप में निकाल दिया गया था। हरिराम की ईमानदारी से जलने वाले दो कर्मचारियों ने एक साजिश रची और सेठ जी को धोखा दिया, जिससे उन्हें यह विश्वास हो गया कि हरिराम ने पैसे चुराए हैं। हरिराम ने अपनी बेगुनाही साबित करने की कोशिश की, लेकिन सेठ जी ने उसे नौकरी से निकाल दिया। कुछ दिनों बाद, सेठ जी को लूट की कोशिश के दौरान गुंडों से बचाने के प्रयास में हरिराम घायल हो गया। अस्पताल पहुँचने पर उसकी मौत हो गई। हरिराम की अंतिम शब्दों में उसने अपनी बेगुनाही की बात कही, और सेठ जी को इस घटना का एहसास हुआ कि उसने एक निर्दोष व्यक्ति को खो दिया। यह कहानी पिता की भावनाओं और एक निर्दोष व्यक्ति की बलिदान को दर्शाती है। विदाई Rajesh Maheshwari द्वारा हिंदी प्रेरक कथा 13 2.8k Downloads 9.6k Views Writen by Rajesh Maheshwari Category प्रेरक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण विदाई रामसिंह शहर के एक जाने माने उद्योगपति थे। उनकी दो बेटियों हेमा और प्रभा का विवाह बडी धूमधाम से संपन्न हो गया था उनकी विदाई का समय आ गया था और सारा माहौल गंभीर होकर गमगीन सा हो गया था। रामसिंह ने अपनी पत्नी को जिसकी आँखों से अनवरत् आँसू बह रहे थे, उसे समझाया कि यह तो एक सांसारिक प्रक्रिया है कि बेटी को विदा होकर अपने घर जाना होता है। हमें इतने अच्छे रिश्ते मिले है कि हमें खुशी खुशी बेटीयों को विदा करना चाहिए। रात हो गई थी और रामसिंह विश्राम के लिए अपने कमरे Novels जीवन को सफल नही सार्थक बनाए आत्म कथ्य जीवन और हम जीवन में असफलताओं को करो स्वीकार मत होना निराश इससे होगा वास्तविकता का अहसास। असफलता को सफलता में परिवर्तित करने का करो प्रयास।... More Likes This जादुई मुंदरी - 1 द्वारा Darkness दस महाविद्या साधना - 1 द्वारा Darkness श्री गुरु नानक देव जी - 1 द्वारा Singh Pams शब्दों का बोझ - 1 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR नारद भक्ति सूत्र - 13. कर्म फल का त्याग द्वारा Radhey Shreemali कोशिश - अंधेरे से जिंदगी के उजाले तक - 3 - (अंतिम भाग) द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR काफला यूँ ही चलता रहा - 1 द्वारा Neeraj Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी