गुरूचरण बाबू एक साधारण व्यक्ति हैं, जो अपनी पांचवीं बेटी के जन्म की खबर सुनकर अत्यंत चिंतित और दुखी हो जाते हैं। उनकी आर्थिक स्थिति गंभीर है, वे केवल साठ रुपये मासिक कमाते हैं और पहले से ही कई कर्जों और खर्चों में फंसे हुए हैं। उनकी पत्नी अन्नाकाली उन्हें बेटी को देखने के लिए प्रेरित करती हैं, लेकिन बाबूजी अपनी समस्याओं में इतने डूबे हुए हैं कि उन्हें केवल अपने आर्थिक संकट का ध्यान है। दुर्गा पूजा का पर्व निकट है, और उन्हें अपनी दूसरी बेटी के विवाह के लिए उधारी चुकानी है। इसके अलावा, उन्हें दफ्तर के काम और कपड़ों की सफाई की चिंता भी है। इस तनाव में, बाबूजी भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वे उनके दुखों से मुक्ति दिलाएं। कहानी में गुरूचरण बाबू की निराशा और जीवन के प्रति उनकी असमर्थता की गहरी छवि प्रस्तुत की गई है। परिणीता - 1 Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 64 28.3k Downloads 36.9k Views Writen by Sarat Chandra Chattopadhyay Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण विचारों में डूबे हुए गुरूचरण बापु एकांत कमरे में बेठें थे। उनकी छोटी पुत्री ने आकर कहा-‘बाबू! बाबू। माँ ने एक नन्हीं सी बच्ची को जन्म दिया है।’ यह शुभ समाचार गुरूचरण बाबू के हृदय में तीर की भाति समा गया. उसका चेहरा, ऐसे सूख गया मानो कोर्इ बड़ा भारी अनिष्ट हो गया हो! यहा पाँचवीं कन्या थी, जो बिना किसी बाधा के उतपन्न हुर्इ थी। गुरूचरण बाबू एक साधारण आदमी थे। वह केवल साठ रूपए मासिक वेतन के नौकर थे। उनकी दशा शोचनीय थी, जीवन शुष्क तथा नेत्रो में निराशा की झलक थी। शरीर दुर्लब, मरियल, टट्टू की भांति था। देखने में ऐसा लगता था कि जान होते हुए भी बेजान हो। फिर ऐसी दशा में यह असुभ समाचार सुनते ही उनका खून ही सूख गया और हाथ में हुक्का लिए हुए निर्जीव की भांति, फटे-पुराने तकिए के सहारे लेटे रहे। जान पडंता है कि सांस लेने में भी उन्हें कष्ट हो रहा था। Novels परिणीता विचारों में डूबे हुए गुरूचरण बापु एकांत कमरे में बेठें थे। उनकी छोटी पुत्री ने आकर कहा-‘बाबू! बाबू। माँ ने एक नन्हीं सी बच्ची को जन्म दिया है।’ यह शुभ... More Likes This चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari BTS ??? - 4 द्वारा Black डॉ. बी.आर. अंबेडकर जीवन परिचय - 1 द्वारा Miss Chhoti चाय के किस्से - 1 द्वारा Rohan Beniwal एक रात - एक पहेली - पार्ट 1 द्वारा Kaushik Dave कल्पतरु - ज्ञान की छाया - 3 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी