कहानी में श्रेया सिल्वेस्टर गार्डन में बैठी है, जहां वह किसी खास व्यक्ति का इंतजार कर रही है। सूरज की रोशनी उसे महसूस नहीं हो रही, क्योंकि वह अपने विचारों में खोई हुई है। उसके चेहरे पर बेचैनी है और वह बार-बार दरवाजे की ओर देख रही है, यह संकेत करते हुए कि वह किसी के आने की प्रतीक्षा कर रही है। श्रेया अपने आसपास के कपल्स को देखती है, लेकिन वह खुद को असंतुलित और टूटा हुआ महसूस करती है। उसका दिल एक उलझन में फंसा हुआ है। वह एक ऐसे रिश्ते के अंतिम दिन का सामना कर रही है, जो या तो तय होने वाला है या खत्म। वह विस्तार नाम के व्यक्ति के बारे में सोचती है, जो अस्वीकृत विचारधारा का प्रतीक है। वह विस्तार को एक संदेश भेजती है, जिसमें पूछती है कि वह इस दूरी को कब तक बढ़ाएगा। उसका संदेश भेजा जाता है, लेकिन वह यह नहीं जानती कि विस्तार ने उसे पढ़ा है या नहीं। गार्डन का माहौल खिलखिलाता है, लेकिन श्रेया का मन मुरझा हुआ है। उसके मन में एक आवाज आती है, जो उसे बताती है कि उसे नहीं आना चाहिए था, लेकिन जब वह मुड़कर देखती है तो वहां कोई नहीं होता। वह खुद को बिखरने और असमंजस में पाती है। फिर, विस्तार की आवाज आती है, जो उसे बताता है कि वह उसके बिना नहीं रह सकता। श्रेया खुशी और नीरसता के साथ जवाब देती है कि वह तो उससे दूर है। कहानी इस जटिल भावनात्मक स्थिति को उजागर करती है, जहां श्रेया अपने दिल की उलझनों और रिश्ते की अनिश्चितताओं के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है। श्रेया-विस्तार Sultan Singh द्वारा हिंदी लघुकथा 2k 3.3k Downloads 10.8k Views Writen by Sultan Singh Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण सूरज दाहिनी ओर से निकल कर माथे पर चढ़ रहा था। लेकिन श्रेया को इसका शायद ही अहसास हो, आज वह पता नही अपने ही विचारो में खोई खोई सी बैठी थी। शायद सिल्वेस्टर गार्डन के डेस्क पर आज वो किसी के आने का इंतजार कर रही थी। आखिर वह कोन था, जिसके लिए उसके चहेरे पर इतनी बेचैनी थी…? बार बार दरवाजे पर ताकती उसकी नजर यह स्पष्ट कर रही थी कि जो कोई भी आने वाला था, वह उसके लिए बहोत ही खास होगा। लेकिन क्या यह सच था…? क्या कोई सच मे खास था…? श्रेया खुद भी More Likes This यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan ब्रह्मचर्य की अग्निपरीक्षा - 1 द्वारा Bikash parajuli Trupti - 1 द्वारा sach tar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी