कहानी "झिरी" में मुख्य पात्र समीर (जिसे बंटी बाबू भी कहा जाता है) है, जो एक नए दूल्हे के रूप में अपने रिसेप्शन के बाद की रात का आनंद नहीं ले पा रहा है। चाँद की शरारती मुस्कान के बीच, उसकी भाभियाँ उसे कमरे में अपनी नई दुल्हन के पास ले जाने के लिए परेशान कर रही हैं। भाभियों में से एक, शान्ति भाभी, सबसे अधिक सक्रिय हैं और समीर को छेड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। समीर अपनी स्थिति से असहज महसूस कर रहा है, और भाभी द्वारा मजाक में किए गए उलाहनों से परेशान होता है। भाभियों की मस्ती के बीच, समीर सोचता है कि वह सोने का बहाना बनाएगा, लेकिन भाभियाँ उसे और भी परेशान करने में लगी रहती हैं। दीपू भैया भी इस मजाक में शामिल हो जाते हैं, जिससे समीर का असहजता बढ़ जाती है। अंत में, समीर यह कहकर जाने की कोशिश करता है कि उसे नींद आ रही है, ताकि वह इस हलचल से दूर जा सके। कहानी में परिवार के बीच की मस्ती और रिश्तों की हलकी-फुलकी बातों को दर्शाया गया है, जिसमें नए दूल्हे की स्थिति और उसके साथियों के मजाकिया व्यवहार को प्रमुखता दी गई है। झिरी - 1 प्रियंका गुप्ता द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 8 1.9k Downloads 5.8k Views Writen by प्रियंका गुप्ता Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण चाँद किसी बदमाश बच्चे सा पेड़ की फुनगी पर जा टँगा था...गोल मटोल से चेहरे पर शरारती मुस्कान लिए हुए...जैसे अभी अभी लाद-फाँद कर कमरे में फेंक से दिए गए बंटी बाबू की हालत का पूरा मज़ा लेने, खिड़की से ताँक-झाँक करने के पूरे मूड में हो। बंटी बाबू यानि कि समीर बाबू...नए-नवेले दूल्हे मियाँ, जिन्हें बड़े इंतज़ार के बाद अब जाकर इजाज़त दी गई है अपनी प्यारी सी नई-नवेली दुल्हन के करीब आने की...। वैसे जब रिश्ते की भाभियाँ धकेलती-छेड़ती उसे कमरे की ओर ला रही तो दिखा तो ऐसे ही रहा था जैसे उसे कोई जल्दी हो ही न...। Novels झिरी चाँद किसी बदमाश बच्चे सा पेड़ की फुनगी पर जा टँगा था...गोल मटोल से चेहरे पर शरारती मुस्कान लिए हुए...जैसे अभी अभी लाद-फाँद कर कमरे में फेंक से दिए गए ब... More Likes This रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी