Jivansathi book and story is written by Dr. Vandana Gupta in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Jivansathi is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. जीवनसाथी Dr. Vandana Gupta द्वारा हिंदी लघुकथा 13 4.6k Downloads 11.7k Views Writen by Dr. Vandana Gupta Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण "सुनो! मैं तुम्हारा अपराधी हूँ। मैं जानता हूँ कि मैंने तुम्हारे साथ अन्याय किया है। जीवन के तीस बसंत तुमने मेरे इंतज़ार में गुजार दिए, उनको तो मैं नहीं लौटा सकता, किन्तु जीवन का यह अंतिम प्रहर मैं तुम्हें अकेले नहीं गुजारने दूँगा। दोनों बच्चे अपनी जिंदगी में व्यस्त भी हैं और मस्त भी, मैं मिलकर आ रहा हूँ उनसे। वे भी खुश हुए यह जानकर कि अब पापा मम्मी साथ रहेंगे तो वे भी निश्चिंत रह सकेंगे। मुझे एक मौका और दे दो अपनी जिंदगी में आने का.... वादा करता हूँ अब कभी अकेलेपन का दंश More Likes This सनातन - 2 द्वारा अशोक असफल वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda दादीमा की कहानियाँ - 2 द्वारा Ashish My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी