दिलकी बाते - २ Vrishali Gotkhindikar द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

Dilki Baatein द्वारा  Vrishali Gotkhindikar in Hindi Novels
जलवे .. जुल्फ है या कोई घना कोहरा .. घटाए शायद दे रही है पेहेरा .. आखोमे छुपे है “मंजर”कई.सारे मस्तीके दिखते है हसीन नजारे . चेहेरेकी “रौनकका क्य...

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