कहानी में मुहम्मद लतीफ कुरैशी और उनकी पत्नी जुलेखा के बीच की संवादहीनता और संघर्ष को दर्शाया गया है। लतीफ कुरैशी, जो कम बोलते हैं, अक्सर कड़वे और तीखे शब्दों का प्रयोग करते हैं, जिससे जुलेखा को उनसे मुकाबला करने में कठिनाई होती है। जब लतीफ उन्हें जात-बिरादरी के मुद्दे पर ताना मारते हैं, तो जुलेखा बचाव करने की कोशिश करती है, लेकिन लतीफ की बातें उन्हें चोट पहुँचाती हैं। जुलेखा को यह महसूस होता है कि लतीफ उनकी बिरादरी के खिलाफ बातें कर रहे हैं, जबकि वह अपने परिवार के दबाव का हवाला देती हैं। लतीफ की बातें जुलेखा को भावनात्मक रूप से प्रभावित करती हैं, और वह आँसुओं का सहारा लेती हैं, जिससे लतीफ थोड़े घबरा जाते हैं। कहानी आगे बढ़ती है जब लतीफ अपनी शादी को एक 'समझौता' बताते हैं, यह कहते हुए कि उनके परिवार ने आर्थिक स्थिति के चलते खानदान की परंपरा से समझौता किया है। यह बात जुलेखा को और अधिक दुखी करती है, और वह रोने लगती हैं। अंततः, लतीफ कुर्सी पर आराम करते हैं, जैसे कि उन्होंने किसी जंग में जीत हासिल की हो, जबकि जुलेखा अपने दुख के साथ किचन की ओर चली जाती हैं। कहानी जाति, बिरादरी, और पारिवारिक दबावों के बीच की जटिलताओं को उजागर करती है, जहां व्यक्तिगत भावनाएं और सामाजिक मान्यताएँ टकराती हैं। कुंजड़-कसाई Anwar Suhail द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 4 1.4k Downloads 6.7k Views Writen by Anwar Suhail Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 'कुंजड़-कसाइयों को तमीज कहाँ... तमीज का ठेका तो तुम्हारे सैयदों ने जो ले रक्खा है?' मुहम्मद लतीफ कुरैशी उर्फ एम एल कुरैशी बहुत कम बोला करते। कभी बोलते भी तो कफन फाड़कर बोलते। ऐसे कि सामने वाला खून के घूँट पीकर रह जाए। जुलेखा ने घूर कर उन्हें देखा। हर कड़वी बात उगलने से पहले उसके शौहर लतीफ साहब का चेहरा तन जाता है। कष्ट या आनंद का कोई भाव नजर नहीं आता। आँखें फैल जाती हैं और जुलेखा अपने लिए ढाल तलाशने लग जाती है। वह जान जाती कि मियाँ की जली-कटी बातों के तीर छूटने वाले हैं। मुहम्मद More Likes This एक समय ऐसा भी आएगा - 1 द्वारा Wow Mission successful रौशन राहें - भाग 1 द्वारा Lokesh Dangi अहम की कैद - भाग 1 द्वारा simran bhargav भूलभुलैया का सच द्वारा Lokesh Dangi बदलाव ज़रूरी है भाग -1 द्वारा Pallavi Saxena आशा की किरण - भाग 1 द्वारा Lokesh Dangi मंजिले - भाग 12 द्वारा Neeraj Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी