इस व्यंग्य में लेखक हिंदी साहित्यकारों की स्थिति और उनके दोगलेपन पर कटाक्ष करते हैं। वे स्वयं को "परफेक्शनिस्ट" मानते हैं, लेकिन कम्युनिस्टों से दूरी बनाते हैं क्योंकि उनके विचारों का जनता के साथ कोई तालमेल नहीं है। लेखक का कहना है कि वे हिंदी के उत्थान के लिए कोई भी प्रयास करने को तैयार हैं, लेकिन इसके पीछे उनकी स्वार्थी मंशाएं हैं। वे हिंदी के प्रति प्रेम को दिखाने के लिए एनजीओ बनाने, सरकारी खर्च पर यात्रा करने और पुरस्कारों के लिए प्रतिस्पर्धा करने की बातें करते हैं। लेखक यह भी बताते हैं कि हिंदी पट्टी में प्रतिस्पर्धा कितनी तीव्र है, जबकि अन्य राज्यों में हिंदी दिवस जैसे आयोजनों का फायदा कुछ विशेष लोग उठाते हैं। अंत में, लेखक यह बताते हैं कि पुरस्कारों का वास्तविक लाभ उन्हें नहीं मिलता, बल्कि उनके नाम पर आयोजित कार्यक्रमों में उन्हें ही खर्च उठाना पड़ता है। इस तरह, यह व्यंग्य हिंदी साहित्य की स्थिति को हास्य के माध्यम से उजागर करता है। हम हिन्दीवाले dilip kumar द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 2 2.1k Downloads 6k Views Writen by dilip kumar Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण हम हिन्दीवाले (व्यंग्य )अपने कुनबे में हमने ही ये नई विधा इजाद की है ।एकदम आमिर खान की मानिंद "परफेक्शनिस्ट",नहीं,नहीं भाई कम्युनिस्ट मत समझिये।भई कम्युनिस्ट से जब जनता का वोट और सहयोग कम होता जा रहा है तब हम जैसा जनता के सरोकारों से जुड़ा साहित्यकार कैसे उनसे आसक्ति रख सकता है ।एक उस्ताद शायर फरमा गये हैं -"अपनी मर्ज़ी से कब कहाँ किधर के हम हैं रुख हवाओं का जिधर है ,उधर के हम हैं "।फिर हम उन चुनिंदा बंगाली बुद्धिजीवियों जैसे थोड़े ना हैं, जिनके समक्ष विश्व उत्त्थान का मुद्दा दिवास्वप्न की मानिंद उपस्थित रहता है और दिल में More Likes This मोहब्बत की दास्तान - 1 द्वारा Vishal Saini शोसल मीडिया और भगवत प्रसाद - 1 द्वारा saif Ansari हास्यास्त्र भाग–१ द्वारा Bhaveshkumar K Chudasama थ्री बेस्ट फॉरेवर - 1 द्वारा Kaju मैं मंच हूँ द्वारा Dr Mukesh Aseemit प्यार बेशुमार - भाग 8 द्वारा Aarushi Thakur राज घराने की दावत..... - 1 द्वारा puja अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी