Karsara ki kaajal ka kaleja kaskata hai book and story is written by Sushma Munindra in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Karsara ki kaajal ka kaleja kaskata hai is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. करसरा की काजल का कलेजा कसकता है Sushma Munindra द्वारा हिंदी लघुकथा 2 1.4k Downloads 4.7k Views Writen by Sushma Munindra Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण जो लोग हर स्थिति—परिस्थिति में सकारात्मक भाव रखने का मानस बना लेते हैं, जानते हैं जीवन किसी का भी हो पूर्णतः बाधारहित नहीं होता। इसीलिये ये लोग बाधाओं में भी काम लायक मसला ढॅूंढ़ लेते हैं। घटना खास नहीं, मामूली है। मामूली घटना ने नवेली का सकारात्मक भाव से परिचय करा दिया। जब सड़क मार्ग अच्छा था नवेली साठ किलो मीटर का सफर कार से एक घंटे में पूरा कर सतना से रीवा पहॅुंच जाती थी। अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी