काँटों से खींच कर ये आँचल - 4 Rita Gupta द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

Kanto se khinch kar ye aanchal द्वारा  Rita Gupta in Hindi Novels
क्षितीज पर सिन्दूरी सांझ उतर रही थी और अंतस में जमा हुआ बहुत कुछ जैसे पिघलता जा रहा था. मन में जाग रही नयी-नयी ऊष्मा से दिलों दिमाग पर जमी बर्फ अब पिघ...

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