दीपक, एक बेरोजगार युवक, 1999 में अपने पिता द्वारा खोली गई मिठाई और फास्ट फूड की दुकान में काम करने लगा। उसकी दुकान मोहल्ले में एकमात्र थी, जिससे यह जल्दी ही सफल हो गई। एक दिन, उसने एक छह वर्षीय गरीब बच्चे को देखा, जो भीख मांग रहा था। दीपक ने बच्चे को दो समोसे दिए और जब बच्चे ने काम करने की इच्छा जताई, तो उसने उसे दुकान में काम पर रख लिया। बच्चा मेहनती था और जल्दी ही सभी का प्रिय बन गया। एक साल बाद, दीपक ने माता के दर्शन करने की योजना बनाई, और उसके छोटे भाई कपिल ने दुकान की जिम्मेदारी ली। भूँख devendra kushwaha द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 11 1.5k Downloads 5.5k Views Writen by devendra kushwaha Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण साल 1999 की बात है दीपक एक बेरोजगार युवक था जिसके पास न तो बहुत पैसे थे और न ही उसने कभी मन लगाके पढ़ाई की थी जो उसके पास अच्छी नौकरी मिल सके। दीपक कम पढ़ा लिखा जरूर था परंतु वह समझदार स्वाभिमानी ओर मेहनती था। दीपक के पिताजी को पता था कि दीपक की नौकरी किसी अच्छी जगह शायद ना लग पाए इसलिए उन्होंने अपने घर के नीचे पड़ी दुकान की बढ़िया मरम्मत कराई और वहाँ पर दीपक के लिए एक अच्छी मिठाई और फ़ास्ट फूड की दुकान खुलवा दी। दीपक नई दुकान में बहुत खुश था क्योंकि More Likes This चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari BTS ??? - 4 द्वारा Black डॉ. बी.आर. अंबेडकर जीवन परिचय - 1 द्वारा Miss Chhoti चाय के किस्से - 1 द्वारा Rohan Beniwal एक रात - एक पहेली - पार्ट 1 द्वारा Kaushik Dave कल्पतरु - ज्ञान की छाया - 3 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी