कहानी "भव्यता में भयावहता भी होती है" में माधुरी और शुक्ला की मुलाकात का वर्णन है। माधुरी जब शुक्ला को अपने घर आमंत्रित करती हैं, तो शुक्ला उनकी भव्यता को देखकर असहज महसूस करते हैं। वे माधुरी से ट्रेन यात्रा के दौरान मिले थे और उम्मीद करते हैं कि माधुरी फिर से उनसे बातचीत करेंगी। परंतु माधुरी कुछ समय बाद अचानक उठती हैं और पानी लाने के बहाने अंदर चली जाती हैं, जिससे शुक्ला हताश हो जाते हैं। कहानी में भव्यता और सामाजिक स्थिति के प्रभाव को दर्शाया गया है, जहाँ शुक्ला अपनी छोटी स्थिति का अनुभव करते हैं और माधुरी की असहजता भी प्रकट होती है। भव्यता में भयावहता भी होती है Sushma Munindra द्वारा हिंदी लघुकथा 6 1.8k Downloads 6.7k Views Writen by Sushma Munindra Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कॉंल बेल की घ्वनि सुन माधुरी बाहरी बरामदे में आई। शुक्ला प्रणामी मुद्रा में तैनात मिले — ‘‘मैडम, मैं शुक्ला। टी.सी. । आप और डॉंक्टर साहब जबलपुर जा रहे थे। मैं ए.सी. कोच में ड्यूटी पर था।' आरम्भिक द्विविधा के बाद माधुरी ने पहचान लिया — ‘‘आइये।' More Likes This नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 द्वारा Shailesh verma पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 द्वारा Akshay Tiwari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी