गरिमा एक दिन विद्यालय से लौटकर अपने घर पहुँचती है, जहाँ उसकी माँ एक पड़ोसी महिला के साथ बात कर रही होती हैं। यह महिला कभी भी पड़ोसियों के घर नहीं आती, क्योंकि उसके पति को किसी के आने-जाने की पसंद नहीं है। गरिमा ने कभी उस महिला के घर जाने की हिम्मत नहीं की, हालाँकि उसकी बेटी चिकी उसकी सहपाठी है। विद्यालय में उनकी बातचीत होती है, लेकिन घर में वे अपरिचित रह जाती हैं। जब गरिमा घर पहुँचती है, तो वह नाश्ता करती है और फिर गृहकार्य करने बैठती है। लेकिन उसके पेन की स्याही खत्म हो जाती है, और वह बाहर जाकर नया पेन खरीदने का निर्णय लेती है। तभी उसे अपने माँ और चिकी की माँ के बीच की बातचीत पर ध्यान देने का मन होता है। वह सोचती है कि चिकी के पिता आज घर पर नहीं हैं, इसलिए शायद वे कुछ खास बात कर रही हैं। गरिमा चुपचाप उनकी बातों को सुनने लगती है, लेकिन चिकी की माँ अधिकतर संकेतों में बात कर रही होती है। फिर, चिकी की माँ अंदर जाकर अपने कपड़े हटाने लगती है, जिससे गरिमा को कुछ समझ में नहीं आता। कहानी इस रहस्य के साथ आगे बढ़ती है कि गरिमा इन संकेतों और फुसफुसाहटों के पीछे की सच्चाई को समझने की कोशिश करती है। दहलीज़ के पार - 1 Dr kavita Tyagi द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 36.6k 31.1k Downloads 39.4k Views Writen by Dr kavita Tyagi Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण उस दिन गरिमा अपने विद्यालय से लौटकर घर पहुँची, तो उसकी माँ एक पड़ोसिन महिला के साथ दरवाजे पर खड़ी हुई बाते कर रही थी। गरिमा जानती थी कि वह महिला, जो उसकी माँ के साथ बाते कर रही थी, कभी किसी पड़ोसी के घर आती—जाती नही है। प्रायः सभी पड़ोसी इस बात को जानते थे कि उस महिला के पति को अपने घर मे किसी महिला या पुरुष का व्यर्थ मे आना—जाना पसन्द नही है। अतः कभी किसी प्रकार की आवश्यकता पड़ने पर भी लोग उस घर मे जाने से बचते थे। गरिमा को कभी यह नही समझाया गया था कि उस महिला के घर जाना वर्जित है, परन्तु वह कभी उनके घर जाने का साहस नही जुटा पायी थी। Novels दहलीज़ के पार उस दिन गरिमा अपने विद्यालय से लौटकर घर पहुँची, तो उसकी माँ एक पड़ोसिन महिला के साथ दरवाजे पर खड़ी हुई बाते कर रही थी। गरिमा जानती थी कि वह महिला, जो उसक... More Likes This DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान राख की शपथ: पुनर्जन्मी राक्षसी - पाठ 1 द्वारा Arianshika अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी