Mujhe saza na do book and story is written by Surjeet Singh Bindra in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mujhe saza na do is also popular in Biography in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मुझे सजा ना दो Surjeet Singh Bindra द्वारा हिंदी जीवनी 7 1.3k Downloads 5.6k Views Writen by Surjeet Singh Bindra Category जीवनी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण जीत :1 ये उन दिनों की बात है जब मैं घुटने के बल पर चलता था. मेरे पिताजी गरीबी से तंग आकर मां से लड़ते हुए घर से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं और झगड़ रहे हैं, मां गिड़गिड़ा रही है, एक ओर सटोव पर कुछ पकाने के लिए रखा था, मैं उस ओर खिसकने लगा था, मां ने देखा तो घबरा कर मेरी ओर लपकी, पिता को अवसर मिला और भागने में सफल हो जाते हैं.मां ने देखा तो घबरा कर मुझे गले लगा कर रोती तडपती रही.सर से छत् भी छिन चुकी थी,मां को आभास हो More Likes This छह बिंदियाँ - 1 द्वारा अजय भारद्वाज डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम भाग - 1 द्वारा अजय भारद्वाज भक्त श्री शोभा द्वारा Renu यादों की अशर्फियाँ - पूर्वभूमिका द्वारा Urvi Vaghela गोमती, तुम बहती रहना - 1 द्वारा Prafulla Kumar Tripathi महावीर लचित बड़फूकन - प्रकाशकीय द्वारा Mohan Dhama मेरे माथे का चंदन द्वारा Prafulla Kumar Tripathi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी