कहानी "बिल्लो की भीष्म प्रतिज्ञा" में बिल्लो अपने परिवार के दबाव के खिलाफ खड़ी हो जाती हैं। जब माता-पिता और भाई उसका घर छोड़ने का दबाव डालते हैं, तो वह कहती हैं कि अगर वह इतनी बोझ बन गई हैं, तो वह कहीं और जाकर रहेंगी, लेकिन मायके नहीं लौटेंगी। बिल्लो की यह प्रतिज्ञा परिवार के लिए नई चुनौतियाँ लाती है। बिल्लो के मायके में लौटने के बाद उसकी चंचलता और खुशी खो जाती है, और वह उदास रहने लगती है। उसकी मां, जो पहले चुप रहती हैं, धीरे-धीरे बिल्लो पर दबाव डालने लगती हैं कि उसे अपने पति के पास लौट जाना चाहिए। मां उसे यह समझाने की कोशिश करती हैं कि कोई भी लड़की जीवनभर मायके में नहीं रह सकती। जब मां का दबाव बढ़ता है, तो बिल्लो अपने मौन को तोड़ देती है और अपनी पीड़ा व्यक्त करती है। वह अपनी स्थिति को लेकर चिंतित है कि उसे एक शराबी और निठल्ले पति के साथ बांध दिया गया है। इस पर उसकी मां गुस्से में आ जाती हैं और बिल्लो को धमकी देती हैं कि उसे अपने पति के पास जाना ही होगा। कहानी का अंत उस क्षण पर होता है जब बिल्लो अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए दीवार पर हाथ मारती है, जिससे उसकी चूड़ियाँ टूट जाती हैं और उसके हाथों से खून निकलता है। यह दृश्य बिल्लो की अंदरूनी संघर्ष और उसकी स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। बिल्लो की भीष्म प्रतिज्ञा - 5 Pradeep Shrivastava द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 7 3.2k Downloads 7.3k Views Writen by Pradeep Shrivastava Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मां-बाप, भाई का दबाव ज़्यादा हुआ तो कह दिया अगर हम इतना ही भारू हो गए हैं तो ठीक है हम घर छोड़ दे रहें हैं। कहीं काम-धाम करके, मड़ैया डाल के रह लेंगे। मगर वहां नहीं जाएंगे। बिल्लो की भीष्म प्रतिज्ञा के आगे सब हार गए। बिल्लो हमेशा के लिए रह गईं मायके में। मगर बोझ बन कर नहीं। अपनी दुनिया नए ढंग से बनाने और उसमें सबको शामिल करने के लिए। मुझे वह दृश्य धुंधला ही सही पर याद आ रहा था। Novels बिल्लो की भीष्म प्रतिज्ञा चार घंटे देरी से जब ट्रेन लखनऊ रेलवे स्टेशन पर रुकी तो ग्यारह बज चुके थे। जून की गर्मी अपना रंग दिखा रही थी। ग्यारह बजे ही चिल-चिलाती धूप से आंखें चुं... More Likes This गड़बड़ - चैप्टर 2 द्वारा Maya Hanchate इश्क़ बेनाम - 1 द्वारा अशोक असफल शोहरत की कीमत - 1 द्वारा बैरागी दिलीप दास रंग है रवाभाई ! द्वारा Chaudhary Viral बाजी किस ने प्यार की जीती या हारी - 1 द्वारा S Sinha समुंद्र के उस पार - 1 द्वारा Neha kariyaal जग्या लॉस्ट हिज़ वीरा - भाग 2 द्वारा Jagmal Dhanda अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी