इस कहानी में एक व्यक्ति अपने विचार साझा कर रहा है कि हम सभी जीवन और मृत्यु की सच्चाई को जानते हैं, फिर भी हम कई बार अनजान बने रहते हैं। वह कहती है कि जब उसे अभिमान होता है, तो वह भूगोल का अध्ययन करती है और अंतरिक्ष के 3D मानचित्र के माध्यम से अपने अभिमान को कम कर देती है। वह यह भी बताती है कि पैसे से इंसान बड़ा नहीं होता, फिर भी लोग अपने पैसे का घमंड करते हैं। कहानी में व्यक्ति बड़े लोगों की छोटी-छोटी बातों पर आश्चर्य जताती है और यह सवाल करती है कि पैसे के बल पर वे क्या हासिल कर सकते हैं। वह पैसे के कारण होने वाले पारिवारिक झगड़ों और रिश्तों के टूटने की बात करती है, और यह सवाल करती है कि क्या उन लोगों का कोई मूल्य नहीं है जिनके पास पैसे नहीं हैं। अंत में, वह कहती है कि इंसानियत को शर्मसार न करें और जरूरतमंदों की मदद करने की कोशिश करें। वह यह भी कहती है कि ऐसे घमंड की कोई आवश्यकता नहीं है और खुशी से जीना चाहिए, चाहे पैसे हों या न हों। कब तक ? Ritu Dubey द्वारा हिंदी पत्रिका 5.7k 3.5k Downloads 18.2k Views Writen by Ritu Dubey Category पत्रिका पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कुछ सवाल ऐसे है जिनके उत्तर हम सब जानते है फिर भी अनजान बने रहते है ... More Likes This इतना तो चलता है - 3 द्वारा Komal Mehta जब पहाड़ रो पड़े - 1 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR कल्पतरु - ज्ञान की छाया - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) नव कलेंडर वर्ष-2025 - भाग 1 द्वारा nand lal mani tripathi कुछ तो मिलेगा? द्वारा Ashish आओ कुछ पाए हम द्वारा Ashish जरूरी था - 2 द्वारा Komal Mehta अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी