कहानी "घुसपैठिए से आखिरी मुलाक़ात के बाद" में एक व्यक्ति अपनी बाइक के साथ एक टट्टर (छोटी झोपड़ी) के पास पहुंचता है, जहाँ बारिश और तूफान के कारण उसे मदद की जरूरत होती है। वह अपनी तबियत खराब होने की बात कहकर अंदर से मदद मांगता है, यह बताते हुए कि वह एक नौकरीपेशा आदमी है और डरने वाली कोई बात नहीं है। हालांकि, उसे अंदर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलती। वह अपनी स्थिति को समझाते हुए बार-बार विनम्रता से मदद की गुहार करता है, यह कहते हुए कि वह बी.पी. और हार्ट का मरीज है। लेकिन अंदर से केवल नकारात्मकता सुनाई देती है। बातचीत के दौरान, वह यह सोचता है कि आजकल लोग बिना किसी फायदे के मदद नहीं करते। उसने अपने पुराने दोस्त की एक कहावत याद की, जिसमें पैसे की अहमियत को बताया गया था। अंत में, वह अपनी बात को और मजबूती से रखते हुए यह कहता है कि वह पैसे देकर मदद लेना चाहता है, लेकिन उसे फिर भी कोई उत्तर नहीं मिलता। कहानी इस संघर्ष और desperation के इर्द-गिर्द घूमती है, जहाँ व्यक्ति अपनी जान बचाने के लिए किसी तरह की सहायता चाहता है, लेकिन उसे निराशा का सामना करना पड़ता है। घुसपैठिए से आखिरी मुलाक़ात के बाद - 2 Pradeep Shrivastava द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 8 2.2k Downloads 5.6k Views Writen by Pradeep Shrivastava Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मैं वापस बाइक के पास पहुंचा। उसे स्टार्ट करने लगा, चार-पांच किक के बाद स्टार्ट हुई। हेड लाइट ऑन कर टट्टर के पास पहुंचा। अंदर की आहट से यह साफ था कि मुझे टट्टर की झिरियों में से देखा जा रहा है। मैंने करीब पहुंच कर कहा ‘देखिए मेरी मदद करिए। मेरी तबियत खराब होती जा रही है। यहां आगे जाने के लिए ना कोई साधन मिल रहा है और ना ही कोई छाया जहां रुक सकूं। मैं एक नौकरीपेशा आदमी हूं। डरने वाली कोई बात नहीं है।’ Novels घुसपैठिए से आखिरी मुलाक़ात के बाद पिछली तीन बार की तरह इस बार भी मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही निकली कि लखनऊ में मानसून करीब हफ्ते भर देर से पहुंचेगा। मानसून विभाग द्वारा बताए गए संभावि... More Likes This रंग है रवाभाई ! द्वारा Chaudhary Viral बाजी किस ने प्यार की जीती या हारी - 1 द्वारा S Sinha समुंद्र के उस पार - 1 द्वारा Neha kariyaal जग्या लॉस्ट हिज़ वीरा - भाग 2 द्वारा Jagmal Dhanda इश्क की लाइब्रेरी। - 1 द्वारा Maya Hanchate फोकटिया - 1 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 1 द्वारा Kaushik Dave अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी