purani-jins book and story is written by राजन सिंह in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. purani-jins is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. पुरानी-जींस Rajan Singh द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 3 1.7k Downloads 5k Views Writen by Rajan Singh Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मयकशी ने मयकशी को मयकशी में चूम लिया है...... दिल्लगी ही दिल्लगी में दल्लगी कर झूम लिया है....... नशा ये ज़ाम का है या तुम्हारे नाम का यारों...... नशे में इस जहाँ के जन्नत-ए-कायनात हमने घूम लिया है| उफ़्फ़...... ये समाँ और ये मदहोश रात...... उस पर जमीं यारों की बज़्म-ए-खास का मादक नशा| और....... और ये...... महफिल की रंगीनिया बता रही थी कि दिलों के कितने तार रात के खामोश पहर में...... झिंगूर और फतंगों के स्वर-लहरी संग घुल कर लहू में मिल धमनियों से प्रवाहित होकर गर्म साँसों के रस्ते सतरंगी निनाद रस घोल रही थी| कुछ तारें More Likes This मंजिले - भाग 12 द्वारा Neeraj Sharma रिश्तों की कहानी ( पार्ट -१) द्वारा Kaushik Dave बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी