नितिन की एक बुरी आदत थी कि उसे हमेशा वही चीजें पसंद आती थीं जो उसकी पहुँच से थोड़ी बाहर होती थीं। कॉलेज के दिनों में उसे कई छोटे-मोटे क्रश हुए, लेकिन कभी भी उसे सफलता नहीं मिली। एक दिन, अपने पिता की फटकार सुनकर, नितिन टहलने निकला। उसके पास पैसे कम थे, लेकिन वह चाय पीने के लिए चाय की टपरी पर गया। चाय वाले ने उधारी पर चाय देने से मना किया, जिसके कारण पास खड़ी तीन लड़कियाँ हंसने लगीं। अपनी इज्ज़त बचाने के लिए, नितिन ने 20 रुपये देकर चाय का ऑर्डर दिया। चाय पीते समय, नितिन का पैर गोबर पर फिसल गया और गरम चाय उसके ऊपर गिर गई। लड़कियाँ उसकी मदद करने आईं और एक लड़की का रुमाल उसके पास रह गया। नितिन ने उस लड़की का रुमाल लौटाने का बहाना बनाया और उसके पीछे-पीछे चल पड़ा। लेकिन अचानक, एक डोबरमैंन कुत्ता उसके सामने आ गया और नितिन डरकर भागने लगा। वह कुत्ता धीरे-धीरे उसके पीछे आया, जिससे नितिन घबराकर चाय की टपरी तक पहुँच गया। वहाँ चाय वाला उसकी मदद को आया और नितिन को अस्पताल पहुँचाया। उसके पिता ने उसे ठीक कर घर ले आए। कुछ दिन बाद, नितिन ने रुमाल वाली लड़की को ढूंढने का फैसला किया और कुत्ते के लिए बिस्कुट लेकर गया। कुत्ता बिस्कुट खाने लगा, तभी लड़की की पड़ोसी वहाँ आई और नितिन को देखकर गलतफहमी में पड़ गई। कहानी में नितिन की नासमझी और हास्यपूर्ण घटनाएँ उसके प्यार के प्रयासों को दर्शाती हैं। रुमाल वाली लड़की paresh barai द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 25 5.7k Downloads 12.7k Views Writen by paresh barai Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण नितिन की एक बुरी आदत थी उसे वही चीज़ पसंद आती जो उसकी पहुँच से थोड़ी बाहर होती थी बचपन से ले कर जवानी तक उसनें अपने मनचले दिल को संभाले रक्खा था कॉलेज के दिनों में कई बार इन महाशय को छोटे मोटे क्रश हुए लेकिन मामला सेट ना हो सका और अपना हीरो आगे बढ़ गया एक दिन बाबूजी की तीखी फटकार सुन कर नितिन सबेरे सबेरे टहलने निकल गया जेब में पुरे 50 रुपये नहीं थे पर रुआब किसी राजकुमार से कम नहीं था चलते चलते महाशय एक चाय की टपरी पर रुके चाय वाले नें फाटक More Likes This हास्यास्त्र भाग–१ द्वारा Bhaveshkumar K Chudasama थ्री बेस्ट फॉरेवर - 1 द्वारा Kaju मैं मंच हूँ द्वारा Dr Mukesh Aseemit प्यार बेशुमार - भाग 8 द्वारा Aarushi Thakur राज घराने की दावत..... - 1 द्वारा puja कॉमेडी कहानी 3 दोस्तों की - 1 द्वारा Roshan baiplawat समानांतर दुनिया - 1 द्वारा Mansi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी