कल रात नतू, दीवाली के समय बाजार की भीड़ में, गेंदारामानी की दुकान से परेशान होकर मुझसे मिले। उन्होंने बताया कि गेंदारामानी उनके व्यवसाय में दखल दे रहा है और ग्राहक उनकी दुकान से लौटकर नहीं जाते। गेंदारामानी हमेशा अपने नियमों पर ग्राहकों से व्यवहार करता है, जिसके कारण ग्राहक उससे दूर भागते हैं। नतू की दुकान गेंदारामानी की दुकान के बगल में है, और नतू को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है। नतू का बेटा पतू, जो अपने पिता के व्यापार में मदद करता है, गेंदारामानी से भिड़ने में सक्षम है। जब पतू दुकान पर होता है, गेंदारामानी हिम्मत नहीं करता। छुट्टियों के दौरान, पतू अपने दोस्तों के साथ गेंदारामानी की दुकान के सामने पहुँच गया और शरारत करने की योजना बनाई। उसने पटाखे के रॉकेट और शीशे की बोतल के साथ गेंदारामानी को डराने की कोशिश की। जैसे ही गेंदारामानी ने पतू को देखा, वह घबरा गया और अपनी दुकान को बचाने के लिए दरवाजे पर खड़ा हो गया। उसने अपने हाथों से पतू के रॉकेटों के सामने ढाल बना ली, जबकि उसका चश्मा उसकी दौड़ के कारण गिरने लगा। इस प्रकार, पतू ने गेंदारामानी को डराने का प्रयास किया, जो उसकी दुकान के लिए खतरा बन गया था। पतु ने बजवा दी गेंदारामानी के कनपट्टी के नीचे…! (हास्य कहानी ) harshad solanki द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 2.6k 2.2k Downloads 9.9k Views Writen by harshad solanki Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कल रात नतू अपनी दुकान से घर की और लौटते हुए हमारी बांकीचाल के कंपाउंड में ही मुझे मिल गए. दीवाली के मौके के चलते बाजार में बड़ी तेजी है इसलिए उन्हें घर लौटने में देर हो जा रही है.“अरे सुलू सा’ब, ये “गेंदारामानी” को अपना बिजनेस चलाना नहीं आता और हमारे बिजनेस में सेंध मार रहा है.”नतू ने गेंदारामानी से होने वाली परेशानियों का दुखड़ा रोते हुए कहा. उसकी बात सुन, में असहाय सा हो गया, उन लोगों का मामला ऐसा है, की कोई आश्वासन देना भी हास्यास्पद लगता सो, हमारे बीच इधर उधर की दो चार बाते हुई, More Likes This मजनू की मोहब्बत पार्ट-1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik मजनू की मोहब्बत द्वारा Deepak Bundela Arymoulik सैयारा का तैयारा द्वारा dilip kumar झग्गू पत्रकार (व्यंग सीरीज) द्वारा Deepak Bundela Arymoulik देसी WWE - गांव के पहलवान बनाम विलायती दंगल ! - 1 द्वारा sachim yadav कॉमेडी का तड़का - 1 द्वारा Kaju Check-In हुआ, Check-Out नहीं! - अध्याय 3 द्वारा Sakshi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी