wahh re tarifen book and story is written by Singh Srishti in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. wahh re tarifen is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. वाह रे तारीफें Singh Srishti द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 7 1.5k Downloads 5.4k Views Writen by Singh Srishti Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण प्रिया आज भी कॉलेज में झगड़ा करके आयी और घर पर आते ही सारा सामान तोड़ फोड़ करने लगी, आँखों में तो आग बरस रही है और हाथ पैरों में झुलझुलाहट, मानो आज ही पूरी दुनिया तबाह कर देगी। पूरा दिन सबकी डांट दिन भर सबके ताने “प्रिया ये मत करो, प्रिया वो मत करो, कितनी बतमीज़ हो गयी हो, तुममें ज़रा सी भी अक़्ल नही है ,कब सुधरोगी”ये सब सुन सुनकर परेसान हो चुकी थी। अब उसका स्वभाव ही चिड़चिड़ा हो गया था और हो भी क्यू न, आख़िर है तो एक 17 साल की लड़की ही । यह More Likes This बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi कामवासना से प्रेम तक - भाग - 5 द्वारा सीमा कपूर My Devil Hubby Rebirth Love - 23 द्वारा Naaz Zehra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी