यह कहानी दिल की दो विभिन्न भावनाओं का प्रतीक है, जहाँ एक हिस्से में हिन्दी और दूसरे में उर्दू बसती है। लेखक अपने दिल के इन दोनों हिस्सों के बीच दीवार न होने की बात करते हैं, जिससे दोनों भाषाएँ और संस्कृतियाँ एक साथ अठखेलियाँ करती हैं। कहानी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के पास एक छोटे से कस्बे की है, जो हिन्दू और मुसलमान दोनों का घर है। यह कस्बा हरदुआगंज और कासिमपुर के नाम से जाना जाता है, जहाँ धर्म अलग-अलग हैं लेकिन आत्मा एक है। लेखक उस कस्बे की यादों को ताजा करते हैं, जहाँ बहुत कम सुविधाएँ थीं लेकिन वहाँ के लोग उनके दिल में बसते हैं। 2002 में कानपुर में डॉक्टर असलम से मुलाकात के दौरान लेखक को अपनी पुरानी यादें ताजा करने का मौका मिलता है। उनकी बातचीत ने लेखक के दिल में छिपी भावनाओं को फिर से जगाया और उनकी लेखनी को प्रेरित किया। कहानी एक भावनात्मक जुड़ाव और अपनी जड़ों की याद दिलाती है, जिसमें अतीत की सुनहरी यादें और भावनाएँ मौजूद हैं।
वो मेरा शहर....
Neelima Kumar
द्वारा
हिंदी पत्रिका
Five Stars
2.3k Downloads
10.8k Views
विवरण
सुना है दिल के दो हिस्से होते हैं। मेरे दिल में भी एक हिस्से में हिन्दी बसती है, तो दूसरे हिस्से में उर्दू ने भी अपनी जगह मुकम्मल कर रक्खी है। हिन्दी के हिस्से में अगर हरदुआगंज है तो वहीं दूसरे हिस्से में कासिमपुर भी है, पर उस ऊपर वाले ने भी
More Likes This
अन्य रसप्रद विकल्प
- हिंदी लघुकथा
- हिंदी आध्यात्मिक कथा
- हिंदी फिक्शन कहानी
- हिंदी प्रेरक कथा
- हिंदी क्लासिक कहानियां
- हिंदी बाल कथाएँ
- हिंदी हास्य कथाएं
- हिंदी पत्रिका
- हिंदी कविता
- हिंदी यात्रा विशेष
- हिंदी महिला विशेष
- हिंदी नाटक
- हिंदी प्रेम कथाएँ
- हिंदी जासूसी कहानी
- हिंदी सामाजिक कहानियां
- हिंदी रोमांचक कहानियाँ
- हिंदी मानवीय विज्ञान
- हिंदी मनोविज्ञान
- हिंदी स्वास्थ्य
- हिंदी जीवनी
- हिंदी पकाने की विधि
- हिंदी पत्र
- हिंदी डरावनी कहानी
- हिंदी फिल्म समीक्षा
- हिंदी पौराणिक कथा
- हिंदी पुस्तक समीक्षाएं
- हिंदी थ्रिलर
- हिंदी कल्पित-विज्ञान
- हिंदी व्यापार
- हिंदी खेल
- हिंदी जानवरों
- हिंदी ज्योतिष शास्त्र
- हिंदी विज्ञान
- हिंदी कुछ भी
- हिंदी क्राइम कहानी