बहुत समय पहले एक राजा था जिसे एक ऋषि का वरदान मिला था कि वह मृत व्यक्ति की आत्मा को शरीर से निकलते हुए देख सकता है। हालांकि, ऋषि ने चेतावनी दी थी कि यदि राजा ने यह राज किसी को बताया तो उसकी मृत्यु हो जाएगी। इस डर से राजा ने यह बात अपने तक ही रखी और अपनी रानी को भी नहीं बताया। एक दिन, रानी के साथ टहलते समय उन्होंने एक मोची के घर में भीड़ देखी। राजा ने मोची की आत्मा को शरीर से बाहर निकलते हुए देखा, जो रोते हुए कह रही थी कि उसके अच्छे कर्मों के कारण वह स्वर्ग जा रही है। यह देख राजा की आंखों में आंसू आ गए। रानी ने सोचा कि राजा अपनी प्रजा का दुख नहीं देख सकता। कुछ दिनों बाद, रानी के पिताजी की मृत्यु की खबर आई। राजा ने रानी के पिताजी की आत्मा को भी देखा, जो गालियां देते हुए शरीर से बाहर निकली और कह रही थी कि उसके बुरे कर्मों के कारण वह नरक में जा रही है। राजा को यह देख कर हंसी आ गई, जिससे रानी क्रोधित हो गई। रानी ने राजा से पूछा कि मोची की मृत्यु पर वह क्यों रो रहा था और उसके पिताजी की मृत्यु पर क्यों हंस रहा था। रानी ने कई दिनों तक खाना नहीं खाया, और राजा ने उसे समझाने की कोशिश की। अंत में, राजा ने रानी को राज बताने का निर्णय लिया, लेकिन उसे पता था कि ऐसा करने पर उसकी मृत्यु हो जाएगी। राजा ने रानी को गंगा किनारे ले जाकर एक चिता तैयार करने को कहा और कहा कि उसकी मृत्यु के बाद यही उसका अंतिम संस्कार करना। रानी ने इसे बहाना समझा। इस तरह कहानी में राजा की दुविधा और रानी का संघर्ष सामने आता है। आत्मा का राज़ Ravi kumar bhatt द्वारा हिंदी पौराणिक कथा 25.4k 4.3k Downloads 18.3k Views Writen by Ravi kumar bhatt Category पौराणिक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण बहुत समय पहले एक राजा था उसे एक ऋषि का वरदान था की वह मृत व्यक्ति की आत्मा को शरीर से निकलते हुए देख सकता हैपरंतु ऋषि ने चेतावनी भी दी थी की यदि ये राज़ वो किसी पे खोलेगा तो उसकी उसी समय मृत्यु हो जायेगीइस डर से राजा ने ये बात अपने तक ही रखी और अपनी रानी को भी नही बतायीपरंतु एक दिन नगर में रानी से साथ टहलते समय एक घर में भीड़ लगी देखि तो जिज्ञासा के कारण दोनों वहाँ जा पहुँचेराजा ने देखा की ये एक मोची का घर है और मोची की मृत्यु More Likes This वरदान - 1 द्वारा Renu Chaurasiya युगमहाभारत - 1 द्वारा Krayunastra SK Arya वरदान द्वारा Renu Chaurasiya अनकही मोहब्बत - 4 द्वारा Kabir इश्क में तबाही - 1 द्वारा archana टीपू सुल्तान नायक या खलनायक ? - 12 द्वारा Ayesha अष्टचक्र: The Gate of Time - 1 द्वारा Amar Pandey अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी