इस कहानी में एक महिला शाम होने पर अपने कमरे में अकेली लेटी है। वह सुबह से बिना कुछ खाए-पीए अपने कमरे में है। उसके कमरे में कोई भी नहीं आया है, जिससे उसकी स्थिति और भी अकेली और निस्संग लगती है। स्वाभिमान - लघुकथा - 30 Madhu Jain द्वारा हिंदी लघुकथा 4 1.5k Downloads 8.7k Views Writen by Madhu Jain Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण शाम होने को आई, शोभा सुबह से बिन कुछ खाये पिये ही अपने कमरे में लेटी है। कोई भी उसके कमरे में नहीं आया। न ही आज खाने के लिए उससे पूछां, और यह जानने की कोशिश भी नहीं की कि उसकी तबियत ठीक है या नहीं। More Likes This शादी एक समझौता - 1 द्वारा SUMIT PRAJAPATI रंगीन कहानी - भाग 1 द्वारा Gadriya Boy तीन लघुकथाएं द्वारा Sandeep Tomar जब अस्पताल में बच्चा बदल गया द्वारा S Sinha आशरा की जादुई दुनिया - 1 द्वारा IMoni True Love द्वारा Misha Nayra मज़बूत बनकर लौटा समन्दर द्वारा LOTUS अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी