कहानी "चार आंखें" भ्रष्टाचार और समाज में इसके प्रभाव पर केंद्रित है। यह दर्शाती है कि समाज में एकतरफा रोशनी और खींची गई लकीरें हैं, जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती हैं। लेखक का कहना है कि भ्रष्टाचार को मिटाना बहुत मुश्किल है और हम इसका सामना कर रहे हैं। यह केवल सरकार या समाज में नहीं, बल्कि हर जगह, जैसे घर, मोहल्ला, गांव, शहर, देश और विदेश में व्याप्त है। कहानी में यह भी बताया गया है कि हम अपने आप को भूल गए हैं और अहंकार, द्वेष और निर्लज्जता जैसे नकारात्मक गुणों से भर गए हैं। पुरानी रूढ़ियों को मिटाने में हम सक्षम नहीं हो पा रहे हैं, जिससे हमारी स्थिति और भी कठिन होती जा रही है। कुल मिलाकर, यह कहानी समाज की समस्याओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष को दर्शाती है। मानवता का अक्षयवट Anand Gurjar द्वारा हिंदी कविता 5 1.7k Downloads 10.8k Views Writen by Anand Gurjar Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मानवता का अक्षयवट कविता संग्रह है जिसमें कुल सोलह कविताएं हैं , इन कविताओं के माध्यम से वर्तमान परिदृश्य के प्रति गहरी चिंता जताई गई है । More Likes This Shyari form Guri Baba - 4 द्वारा Guri baba मन की गूंज - भाग 1 द्वारा Rajani Technical Lead मी आणि माझे अहसास - 98 द्वारा Darshita Babubhai Shah लड़के कभी रोते नहीं द्वारा Dev Srivastava Divyam जीवन सरिता नोंन - १ द्वारा बेदराम प्रजापति "मनमस्त" कोई नहीं आप-सा द्वारा उषा जरवाल कविता संग्रह द्वारा Kaushik Dave अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी