सुनीता एक छात्रा है जो स्कूल जाते समय सुनसान गली से डरती है। उसकी माँ ने जब उसके डर का जिक्र परिवार से किया, तो सभी ने उसे पढ़ाई छोड़कर शादी करने के लिए कहा। सुनीता ने अपनी पढ़ाई पूरी करने की इच्छा जताई और बताया कि वह दौड़ प्रतियोगिता में प्रथम आई है। उसकी माँ खुश हुई, लेकिन चिंतित भी थी कि पिता और भाइयों को इस बारे में पता चला तो वह स्कूल नहीं जाने देंगें। एक दिन जब बादल बरसने वाले थे, सुनीता अकेली उस गली में जाने से डर रही थी। उसने हिम्मत जुटाकर गली में प्रवेश किया, तभी एक अनजान व्यक्ति ने उसे खींच लिया। यह अनवर चाचा थे, जिन्होंने उसे पकड़ लिया और उसकी मदद करने के बजाय उसे बंधक बना लिया। कहानी सुनीता की शिक्षा और सुरक्षा के लिए संघर्ष को दर्शाती है। टुकड़े टुकड़े इज्जत Ved Prakash Tyagi द्वारा हिंदी लघुकथा 39 1.1k Downloads 6k Views Writen by Ved Prakash Tyagi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण हिम्मत करके सुनीता गली में घुस गयी तभी गली के बीच में एक दरवाजा खुला, आम तौर पर गली के दरवाजे उस समय बंद ही रहते थे लेकिन उस दिन उस दरवाजे के खुलने से सुनीता को थोड़ी हिम्मत आई, लेकिन यह क्या More Likes This नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 द्वारा Shailesh verma पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 द्वारा Akshay Tiwari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी