यह कहानी मां सरस्वती की वंदना और भक्ति को दर्शाती है। पहले भाग में, कवि मां सरस्वती की महिमा का गुणगान करते हैं, जहां वे वीणा की गूंज और उस स्वर के प्रभाव की बात करते हैं। मां के आंचल में ज्ञान और सुगंधित वायु के साथ-साथ जीवन के निर्झर की उपमा दी गई है। दूसरे भाग में, कवि अपने भाई से निष्काम भक्ति के साथ तन, मन, और प्राणों का अर्पण करने की बात करते हैं। इसमें नैनों के गंगाजल में भावों के चंदन की सुंदरता का वर्णन है। कवि ने अपनी भक्ति को अर्पित करने के लिए अपने नैनों और तन का उपयोग किया है और प्रभु की वंदना करते हैं। यह कविता भक्ति, ज्ञान और समर्पण की भावना को प्रकट करती है। तेरी कोई खोज नहीं है Anand Gurjar द्वारा हिंदी कविता 4 1.4k Downloads 9.1k Views Writen by Anand Gurjar Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण तेरी कोई खोज नहीं है - आनन्द सहोदर 1 मां सरस्वती वंदन है । गूंजे वीणा तार तार स्वर होता उर के आर-पार पार More Likes This Shyari form Guri Baba - 4 द्वारा Guri baba मन की गूंज - भाग 1 द्वारा Rajani Technical Lead मी आणि माझे अहसास - 98 द्वारा Darshita Babubhai Shah लड़के कभी रोते नहीं द्वारा Dev Srivastava Divyam जीवन सरिता नोंन - १ द्वारा बेदराम प्रजापति "मनमस्त" कोई नहीं आप-सा द्वारा उषा जरवाल कविता संग्रह द्वारा Kaushik Dave अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी