Satya Harishchandra - 4 book and story is written by Bhartendu Harishchandra in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Satya Harishchandra - 4 is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. सत्य हरिश्चन्द्र - 4 Bhartendu Harishchandra द्वारा हिंदी लघुकथा 1 4k Downloads 16.6k Views Writen by Bhartendu Harishchandra Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण स्थान: दक्षिण, स्मशान, नदी, पीपल का बड़ा पेड़, चिता, मुरदे, कौए, सियार, कुत्ते, हड्डी, इत्यादि। कम्मल ओढ़े और एक मोटा लट्ठ लिए हुए राजा हरिश्चन्द्र फिरते दिखाई पड़ते हैं। ह. : (लम्बी सांस लेकर) हाय! अब जन्म भर यही दुख भोगना पड़ेगा। जाति दास चंडाल की, घर घनघोर मसान। कफन खसोटी को करम, सबही एक समान ।। Novels सत्य हरिश्चन्द्र अथ सत्यहरिश्चन्द्र (मंगलाचरण) सत्यासक्त दयाल द्विज प्रिय अघ हर सुख कन्द। जनहित कमला तजन जय शिव नृप कवि हरिचन्द1 ।। 1 ।। (नान्दी के पीछे सूत्राधार2... More Likes This मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish नो मोर अभी नहीं द्वारा S Sinha शैतान का कुचक्र - 1 द्वारा LM Sharma सारथी द्वारा Lo t u s Mohabbat ya Dhokha - 1 द्वारा aruhi टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 1 द्वारा Sonu Kasana अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी