इस कहानी में सूर्याकांत त्रिपाठी निराला ने शूद्रों और अन्य निम्न जातियों के उत्थान की आवश्यकता पर जोर दिया है। वे बताते हैं कि भारतीय समाज में ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य का महत्व समाप्त हो गया है, और वर्तमान में पश्चिमी शिक्षा और शासन का प्रभाव है। उन्होंने कहा कि जब तक इन तीनों वर्णों की मेधा और शक्ति जागृत नहीं होती, तब तक कोई राष्ट्र स्वतंत्र नहीं हो सकता। निराला का मानना है कि गुलामी से मुक्ति और जातियों का उत्थान केवल तभी संभव है जब वे जागरूक हों। वो जातियाँ जो पहले सोई हुई थीं, जैसे शूद्र और अंत्यज, वे सबसे पहले जागेंगी और अपनी पहचान को पुनः प्राप्त करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में जो जागरण के लक्षण दिख रहे हैं, वे शूद्रों और अंत्यजों में हैं, जबकि ब्राह्मण और क्षत्रिय पुरानी धारणाओं में फंसे हुए हैं। अंततः, निराला का संदेश यह है कि भारतीयता और सभ्यता का वास्तविक स्वरूप अब शूद्रों और अंत्यजों में प्रकट होगा। सोयी हुई जातियाँ पहले जगेंगी Suryakant Tripathi 'Nirala' द्वारा हिंदी लघुकथा 1.6k Downloads 8.3k Views Writen by Suryakant Tripathi 'Nirala' Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 'न निवसेत् शूद्रराज्ये' मनु का यह कहना बहुत बड़ा अर्थ-गौरव रखता है। शूद्रों के राज्य में रहने से ब्राह्मण-मेधा नष्ट हो जाती है। पर यह यवन और गौरांगों के 800 वर्षों के शासन के बाद भी हिंदोस्तान में ब्राह्मण और क्षत्रिय हैं, जो लोग ऐसा कहते हैं, वे झूठ तो बोलते ही हैं, ब्राह्मण और क्षत्रिय का अर्थ भी नहीं समझते। इस समय भारत में न ब्राह्मण हैं, न क्षत्रिय, न वैश्य, न अपने ढंग की शिक्षा है, न अपने हाथ में राज्य-प्रबंध, न अपना स्वाधीन व्यवसाय। प्रोफेसर अंगरेज, मान्य शिक्षा पश्चिमी, शासन अंगरेजी, शासक अंगरेज व्यवसायी अपर देशवाले वैश्य, व्यवसाय की बागडोर, मांग, दर का घटाव-बढ़ाव उनके हाथों। More Likes This नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी