यह कहानी स्वतंत्रता संग्राम में बलिदान देने वाली वीरांगना वेलू नाचियार की है। उनका जन्म 3 जनवरी, 1730 को हुआ था, और वे तमिल लोगों में 'वीरमंगई' के नाम से जानी जाती थीं। वेलू नाचियार युद्ध कला में निपुण थीं और विभिन्न भाषाओं की विदुषी भी थीं। उनका विवाह शिवगंगे के राजा मुथुवदूगन थापेरिया से हुआ। जब अंग्रेजों के सहयोग से अर्कोट के नवाब ने उनके पति की हत्या कर राज्य पर अधिकार कर लिया, तो वेलू नाचियार अपनी पुत्री के साथ भागकर सुरक्षित स्थान पर गईं और अपने राज्य को पुनः प्राप्त करने का संकल्प लिया। उन्होंने कोपल्ला नायक्कर के संरक्षण में एक महिला सैन्य दल बनाया, जिसका नाम उनकी बेटी के नाम पर 'उडयाल' रखा। वेलू नाचियार का साहस और नेतृत्व स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भूली-बिसरी वीरांगनाएँ Madhu Sharma Katiha द्वारा हिंदी लघुकथा 1 2k Downloads 6.1k Views Writen by Madhu Sharma Katiha Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कुछ ऐसे वीरांगनाएँ जिनकी भूमिका स्वतन्त्रता-प्राप्ति में बेहद अहम है, लेकिन कम लोग ही उनके विषय में जानते हैं। उन वीरांगनाओं की शौर्य-गाथाएँ एक लड़ी में पिरोकर उनको एक श्रद्धांजलि ! More Likes This शादी एक समझौता - 1 द्वारा SUMIT PRAJAPATI रंगीन कहानी - भाग 1 द्वारा Gadriya Boy तीन लघुकथाएं द्वारा Sandeep Tomar जब अस्पताल में बच्चा बदल गया द्वारा S Sinha आशरा की जादुई दुनिया - 1 द्वारा IMoni True Love द्वारा Misha Nayra मज़बूत बनकर लौटा समन्दर द्वारा LOTUS अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी