यह कहानी "आँख की किरकिरी" में राजलक्ष्मी और विनोदिनी के बीच का विवाद दर्शाया गया है। राजलक्ष्मी, जो विनोदिनी की सास हैं, सुबह से उसे बुलाने से कतराती हैं। विनोदिनी ने राजलक्ष्मी से बात करते हुए यह कहा कि उनके बेटे में धैर्य की कमी है, जिससे झगड़े होते हैं। राजलक्ष्मी को यह बातें पसंद नहीं आतीं और वे विनोदिनी को झूठा कहती हैं। विनोदिनी अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहती है कि वे दोनों मायाविनी हैं और इस स्थिति में सभी का अपना-अपना स्वार्थ होता है। राजलक्ष्मी क्रोधित होकर कमरे से बाहर चली जाती हैं। फिर महेन्द्र, जो राजलक्ष्मी का बेटा है, को बुलाया जाता है। वह समझता है कि उसकी माँ विनोदिनी के बारे में कुछ कहने वाली हैं, लेकिन वह इस स्थिति में अपनी माँ से बात करने में कठिनाई महसूस कर रहा है। कहानी में घरेलू कलह और रिश्तों की जटिलता को दर्शाया गया है।
चोखेर बाली - 5
Rabindranath Tagore
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
Four Stars
11.2k Downloads
27k Views
विवरण
राजलक्ष्मी ने आज सुबह से विनोदिनी को बुलाया नहीं। रोज़ की तरह विनोदिनी भण्डार में गई। राजलक्ष्मी ने सिर उठाकर उसकी ओर नहीं देखा। यह देखकर भी उसने कहा- 'बुआ, तबीयत ठीक नहीं है, क्यों? हो भी कैसे? कल रात भाई साहब ने जो करतूत की! पागल-से आ धामके। मुझे तो फिर नींद ही न आई।' राजलक्ष्मी मुँह लटकाए रही। हाँ-ना कुछ न कहा। विनोदिनी बोली- 'किसी बात पर चख-चख हो गई होगी आशा से। कुछ भी कहो! बुआ, नाराज मत होना, तुम्हारे बेटे में चाहे हज़ारों सिफ्त हों, धीरज ज़रा भी नहीं। इसीलिए मुझसे हरदम झड़प ही होती रहती है।'
विनोद की माँ हस्मिती महेन्द्र की माँ राजलक्ष्मी के पास जाकर धरना देने लगी। दोनों एक ही गाँव की थीं, छुटपन में साथ खेली थीं। राजलक्ष्मी महेन्द्र के पीछ...
More Likes This
अन्य रसप्रद विकल्प
- हिंदी लघुकथा
- हिंदी आध्यात्मिक कथा
- हिंदी फिक्शन कहानी
- हिंदी प्रेरक कथा
- हिंदी क्लासिक कहानियां
- हिंदी बाल कथाएँ
- हिंदी हास्य कथाएं
- हिंदी पत्रिका
- हिंदी कविता
- हिंदी यात्रा विशेष
- हिंदी महिला विशेष
- हिंदी नाटक
- हिंदी प्रेम कथाएँ
- हिंदी जासूसी कहानी
- हिंदी सामाजिक कहानियां
- हिंदी रोमांचक कहानियाँ
- हिंदी मानवीय विज्ञान
- हिंदी मनोविज्ञान
- हिंदी स्वास्थ्य
- हिंदी जीवनी
- हिंदी पकाने की विधि
- हिंदी पत्र
- हिंदी डरावनी कहानी
- हिंदी फिल्म समीक्षा
- हिंदी पौराणिक कथा
- हिंदी पुस्तक समीक्षाएं
- हिंदी थ्रिलर
- हिंदी कल्पित-विज्ञान
- हिंदी व्यापार
- हिंदी खेल
- हिंदी जानवरों
- हिंदी ज्योतिष शास्त्र
- हिंदी विज्ञान
- हिंदी कुछ भी
- हिंदी क्राइम कहानी