इस अध्याय में विनय अपनी माँ आनंदमई से अपनी भावनाएँ साझा करता है। वह कहता है कि मूर्ति को प्रणाम करते समय उसे शर्म महसूस होती है, और वह यह सच्चाई छिपाता है। आनंदमई उसे समझाती हैं कि उसकी सोच में बारीकियाँ हैं, जिससे वह अपने मन का खटका नहीं मिटा पा रहा। विनय स्वीकार करता है कि वह धर्म के बारे में तर्क देता है, लेकिन यह उसके सच्चे विश्वास से नहीं, बल्कि समूह के दबाव से होता है। आनंदमई बताती हैं कि जब किसी का धर्म के प्रति सच्चा लगाव नहीं होता, तब वह अहंकार का साधन बन जाता है। विनय अपनी भक्ति को ढोंग मानता है और पूछता है कि क्या उचित है कि वह उस चीज़ में विश्वास जताए जिसमें वह स्वयं विश्वास नहीं करता। आनंदमई की प्रतिक्रिया पर कहानी आगे बढ़ती है। गोरा - 16 Rabindranath Tagore द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 4 3.2k Downloads 11.4k Views Writen by Rabindranath Tagore Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण आनंदमई से विनय ने कहा, 'देखो माँ, मैं तुम्हें सत्य कहता हूँ, जब-जब भी मैं मूर्ति को प्रणाम करता रहा हूँ मन-ही-मन मुझे न जाने कैसी शर्म आती रही है। उस शर्म को मैंने छिपाए रखा है- बल्कि उल्टे मूर्ति-पूजा के समर्थन में अच्छे-अच्छे प्रबंध लिखता रहा हूँ। मगर सच्ची बात तुम्हें बता दूँ, जब भी मैंने प्रणाम किया है मेरे अंत:करण ने गवाही नहीं दी।' Novels गोरा वर्षाराज श्रावण मास की सुबह है, बादल बरसकर छँट चुके थे, निखरी चटक धूप से कलकत्ता का आकाश चमक उठा है। सड़कों पर घोड़ा-गाड़ियाँ लगातार दौड़ रही हैं, फेर... More Likes This नींद में चलती कहानी... - 1 द्वारा Babul haq ansari शब्दों का सच्चा सौदागर - 1 द्वारा Chanchal Tapsyam Taaj Ya Taqdeer ? - 1 द्वारा dhun गड़बड़ - चैप्टर 2 द्वारा Maya Hanchate इश्क़ बेनाम - 1 द्वारा अशोक असफल शोहरत की कीमत - 1 द्वारा बैरागी दिलीप दास रंग है रवाभाई ! द्वारा Chaudhary Viral अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी