इस कहानी में विनय और गोरा की दोस्ती पर चर्चा की गई है। परेशबाबू के घर से बाहर निकलने के बाद, विनय गोरा से धीमे चलने के लिए कहता है, लेकिन गोरा अपनी तेज़ चाल से आगे बढ़ जाता है, यह कहते हुए कि उसे अकेले चलने और सोचने का मन है। विनय को गोरा की इस बात से दुख होता है और वह उसकी प्रतिक्रिया की उम्मीद करता है, जिससे उनकी दोस्ती में तनाव का अंदेशा होता है। विनय को यह चिंता भी है कि गोरा ने परेशबाबू के घर में उसे एक पुराने परिचित की तरह देखते हुए यह सोच लिया होगा कि वह वहाँ अक्सर जाता है। विनय को परेशबाबू के परिवार के साथ संबंधों का महत्व है, जबकि गोरा इस बारे में अलग सोचता है। कहानी में दोस्ती, विश्वास, और सामाजिक संबंधों के मुद्दों को उजागर किया गया है, जिसमें विनय के मन में गोरा के प्रति भावनाएँ और संघर्ष दिखाई देते हैं। गोरा - 4 Rabindranath Tagore द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 4 4k Downloads 10k Views Writen by Rabindranath Tagore Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण परेशबाबू के घर से निकलकर विनय और गोरा सड़क पर आ गए तो विनय ने कहा, 'गोरा, ज़रा धीरे-धीरे चलो भई.... तुम्हारी टाँगे बहुत लंबी हैं,इन पर कुछ अंकुश नहीं रखोगे तो तुम्हारे साथ चलने में मेरा दम फूल जाएगा।!' गोरा ने कहा, 'मैं अकेला ही चलना चाहता हूँ- मुझे आज बहुत-कुछ सोचना है।' यह कहता हुआ वह अपनी स्वाभाविक तेज़ चाल से आगे बढ़ गया। Novels गोरा वर्षाराज श्रावण मास की सुबह है, बादल बरसकर छँट चुके थे, निखरी चटक धूप से कलकत्ता का आकाश चमक उठा है। सड़कों पर घोड़ा-गाड़ियाँ लगातार दौड़ रही हैं, फेर... More Likes This नींद में चलती कहानी... - 1 द्वारा Babul haq ansari शब्दों का सच्चा सौदागर - 1 द्वारा Chanchal Tapsyam Taaj Ya Taqdeer ? - 1 द्वारा dhun गड़बड़ - चैप्टर 2 द्वारा Maya Hanchate इश्क़ बेनाम - 1 द्वारा अशोक असफल शोहरत की कीमत - 1 द्वारा बैरागी दिलीप दास रंग है रवाभाई ! द्वारा Chaudhary Viral अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी