आरोही ऑफिस के लिए घर से निकली, जबकि उसे लगा कि वह लोकल ट्रेन मिस कर देगी। उसने जल्दी से चप्पल पहनकर रिक्शा बुलाया, क्योंकि उसे निषाद से मिलने की जल्दी थी। निषाद उसका बेस्ट फ्रेंड था, और दोनों का रोज एक ही लोकल से आना-जाना तय था। स्टेशन पर पहुँचते ही निषाद ने उसका हाथ पकड़ा और उसे जल्दी चलने के लिए कहा। भीड़भाड़ के चलते, दोनों अक्सर जेंट्स डिब्बे में सफर करते थे, जहाँ निषाद हमेशा उसकी सुरक्षा करता था। आरोही को यह सफर पसंद था, क्योंकि वह निषाद के करीब होती थी। उनके बीच की नज़दीकियाँ बढ़ रही थीं। लेकिन एक दिन, ऑफिस से लौटते समय, निषाद ने कहा कि उसे कुछ काम है और आरोही को अकेले जाने के लिए कहा। हादसा Vrishali Gotkhindikar द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां 12 1.7k Downloads 7.2k Views Writen by Vrishali Gotkhindikar Category क्लासिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण जिंदगी क्या है कोई नही जान सकता यूँही ख़ुशी ख़ुशी चलते चलते अचानक एक मोड़ पर जिंदगी में हादसा आ जाता है और फिर बिखर जाते है कई सपने और दो जिन्दगिया भी जुदा हो जाती है ये महेसुस करो इस कथामे .. More Likes This रुह... - भाग 7 द्वारा Komal Talati कश्मीर भारत का एक अटूट हिस्सा - भाग 1 द्वारा Chanchal Tapsyam बीते समय की रेखा - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil टीस - पहली बार देखा था उसे - 1 द्वारा Shayar KK Shrivastava एहसास - भाग 1 द्वारा Vartikareena क्या यही है पहला प्यार? भाग -1 द्वारा anmol sushil त्रास खनन - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी