गांव में नौटंकी नामक इस कहानी में मास्टरजी रामभरोसे का वर्णन है, जो हारमोनियम बजाने में माहिर हैं। उन्होंने बारह साल में केवल तीन धुनें सीखी हैं, लेकिन उनकी मेहनत और संगीत के प्रति लगन अद्वितीय है। मास्टरजी के त्याग और समर्पण के कारण उनकी पत्नी और मां ने उन्हें छोड़ दिया, लेकिन वे संगीत में लीन रहे। मास्टरजी के शिष्य बजरंगी पहलवान, घीसू दर्जी और मनोहरा हैं। बजरंगी पहलवान ने एक दिन हारमोनियम की धुन सुनकर मास्टरजी को अपना गुरु मान लिया। घीसू ने घर में मार-पीट से तंग होकर संगीत का सहारा लिया, और मनोहरा ने अपनी बकरियों की संगीत में रुचि से प्रेरित होकर मास्टरजी का शिष्यत्व ग्रहण किया। संगीत साधना का यह क्रम रोजाना होता है, जिसमें सभी शिष्य मिलकर अभ्यास करते हैं। मोहल्ले के जानवर भी इस संगीत का आनंद लेते हैं, और कभी-कभी मानव दर्शक भी आते हैं। कहानी मास्टरजी की संगीत प्रेम और उनके शिष्यों के प्रति उनकी प्रेरणा को दर्शाती है। गांव में नौटंकी Subhash Chander द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 1 6k Downloads 28.6k Views Writen by Subhash Chander Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Ganv Me Nautanki More Likes This मैं मंच हूँ द्वारा Dr Mukesh Aseemit प्यार बेशुमार - भाग 8 द्वारा Aarushi Thakur राज घराने की दावत..... - 1 द्वारा pooja कॉमेडी कहानी 3 दोस्तों की - 1 द्वारा Roshan baiplawat समानांतर दुनिया - 1 द्वारा Mansi बाबू जी की मुक्त शैली पिटाई - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) चरणनंदन का अभिनंदन - 1 द्वारा Tripti Singh अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी