Sirf Ek Aavaj book and story is written by Munshi Premchand in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Sirf Ek Aavaj is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. सिर्फ एक आवाज Munshi Premchand द्वारा हिंदी लघुकथा 2 1.7k Downloads 6.3k Views Writen by Munshi Premchand Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ठाकुर दर्शनसिंह अपनी बगी मैं बैठे बैठे यह द्रश्य बहुत ही गौर और दिलचस्पी से देख रहे थे वे अपने मार्मिक विश्वासों में चाहे कट्टर हों या न हों, लेकिन सांस्कृतिक मामलो में वो आज तक अगुवाई करने के दोषी साबित नहीं हुए थे इस प एचिदा और डरावने रस्ते में अपनी बुद्धि और विवेक पर उन्हें भरोसा नहीं होता था यहाँ पर उनके तर्क और युक्तियों को भी हार माननी पड़ती थी इस मैदान में वे अपने घर की स्त्रियों की इच्छा पूरी करने को ही अपना कर्तव्य समझ ते थे और चाहे उन्हें खुद किसी मामले में कुछ इतराज़ भी हो फिरभी वे इसमें वे हस्तक्षेप नहीं कर सकते थे क्यूंकि... अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी