कहानी "सावधान! अपराध कम हो रहे हैं!" में, मुख्यमंत्री ने एक सभा में घोषणा की कि राज्य में अपराध कम होंगे। इस घोषणा के बाद, पुलिस के उच्च अधिकारियों के बीच यह सूचना पहुँचती है और थाना इंचार्ज को आदेश मिलता है कि अपराध कम करने के लिए हर संभव प्रयास करें। कहानी के पहले दृश्य में, एक गरीब आदमी थाने में आता है और अपनी बेटी के शोषण की शिकायत करता है। थाने के मुंशी उस पर हंसते हैं और उसकी मदद करने से मना कर देते हैं। वे उसे बताते हैं कि पुलिस ने किसी को सुधारने का ठेका नहीं लिया है और उसे वहां से भाग जाने को कहते हैं। यह दृश्य समाज में पुलिस की लापरवाही और आम आदमी की helplessness को दर्शाता है। कहानी व्यंग्यात्मक शैली में लिखी गई है, जो पुलिस व्यवस्था और समाज के अन्याय को उजागर करती है। सावधान! अपराध कम हो रहे हैं Subhash Chander द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 2 1.2k Downloads 5.1k Views Writen by Subhash Chander Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Saavdhan! Apradh kum ho rahe hain More Likes This थ्री बेस्ट फॉरेवर - 1 द्वारा Kaju मैं मंच हूँ द्वारा Dr Mukesh Aseemit प्यार बेशुमार - भाग 8 द्वारा Aarushi Thakur राज घराने की दावत..... - 1 द्वारा pooja कॉमेडी कहानी 3 दोस्तों की - 1 द्वारा Roshan baiplawat समानांतर दुनिया - 1 द्वारा Mansi बाबू जी की मुक्त शैली पिटाई - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी